आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने दिल्ली विधानसभा में बिना नाम लिए रामचरितमानस के बहिष्कार की मांग की। दिल्ली विधानसभा में बुधवार को आईपी कॉलेज में छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार का मुद्दा उठा। इसको लेकर ‘आप’ विधायकों ने उप राज्यपाल और दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए।
महिला सुरक्षा के इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई पर सवाल उठाया। इसे हटाने की मांग करते हुए कहा कि इसमें महिलाओं के उत्पीड़न को प्रश्रय दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस ग्रंथ को भारत में कुछ लोग पूजते हैं, वो पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा और उस पर शोर शराबा भी हुआ है।
गौतम ने कहा कि यह ग्रंथ कहता है कि ‘ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी सकल ताड़ना के अधिकारी’। उन्होंने इस ग्रंथ के बहिष्कार की मांग की। इसके बाद उन्होंने इस ग्रंथ से इस चौपाई को भी हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम ऐसे ग्रंथ की पूजा करने हैं जो ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी को एक श्रेणी में रखकर मारने-पीटने की बात करता है।
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि कहीं न कहीं यह मुद्दा महिला उत्पीड़न से जुड़ा है। इन्हीं ग्रंथों में महिलाओं के केरैक्टर के बारे में बुरे-बुरे शब्द लिखे हैं। आदमी चाहे कितनी भी महिलाओं से संबंध बना ले, जितनी मर्जी शादियां कर ले, लेकिन इसकी चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा कि दिल्ली के एलजी के घर के पास ही आईपी कॉलेज है। यहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ हो गई और एलजी चुप बैठे हैं। उन्हें तत्काल अपनी जिम्मेदारी स्वीकार कर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पहले भी दे चुकें है विवादित बयान
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी उन्होंने झंडेवालन स्थित अंबेडकर भवन में विवादित बयान दिया था। जिसके बाद उन्हें मंत्रीपद से हटा दिया गया था। कार्यक्रम में जय भीम के नारे लगाते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि, साल 2025 तक 10 करोड़ लोगों को बौद्ध भगवान की शरण में लेकर आना है।
उन्होंने बताया कि इस साल अक्टूबर तक 1,00,000 लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है। इसके साथ ही उन्होंने मंच पर खड़े होकर बौद्ध धर्म की अलग-अलग प्रतिज्ञा की जिसमें उन्होंने कहा कि मैं चोरी नहीं करूंगा, झूठ नहीं बोलूंगा, शराब नहीं पियूंगा इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उंच-नीच मानने वाले पुराने हिंदू धर्म का त्याग करके मैं बौद्ध धर्म की दीक्षा लेता हूं। इसके साथ ही अलग-अलग हिंदू देवी देवताओं का त्याग करता हूं। इन सभी प्रतिज्ञाओं को कार्यक्रम में मौजूद करीब 10,000 से ज्यादा लोगों ने दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के साथ दोहराया।
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