अमेरिका ने कहा-‘हम राहुल मामले को देख रहे हैं’, अनुराग ठाकुर ने कहा-‘ये हमारा आंतरिक मामला’

भारत के राजदूत और पत्रकार पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा किए हमले को अमेरिका ने बताया 'अस्वीकार्य'। प्रवक्ता ने कहा कि दूतावास कर्मियों को हिंसा का शिकार बनाना गंभीर चिंता की बात

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WEB DESK

अमेरिका में भारतीय राजनयिक संस्थानों पर पिछले दिनों खालिस्तानी उग्रपंथियों ने जिस तरह विरोध प्रदर्शन के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश की, तोड़फोड़ की, उसे लेकर अब बाइडेन प्रशासन का बयान आया है। बाइडेन सरकार ने दूतावास आदि के बाहर हुई हिंसक खालिस्तानी उपद्रवों की भर्त्सना की है। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं हो सकती।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका भारतीय अदालत में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को लेकर जो कुछ चल रहा है, उस पर नजर रख रहा है। प्रवक्ता ने इसी विषय पर आगे कहा कि अमेरिका अपने भारतीय साझीदारों के साथ द्विपक्षीय संबंधों में ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति एक जैसी प्रतिबद्धता के विषय पर भारत सरकार के साथ खड़ा है।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को संसद से निष्कासित करने को लेकर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता का कहना था कि ‘कानून के राज और न्यायिक आजादी के प्रति सम्मान किसी भी लोकतंत्र की बुनियाद होती है। भारत की अदालतों में चल रहे राहुल गांधी के विषय पर हमारी नजर बनी हुई है।’ उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दो साल कैद की सजा दी है। उनकी संसद सदस्यता निरस्त की गई है।

सान फ्रांसिस्को के भारतीय कोंसुलेट पर उपद्रव करते हुए खालिस्तानी तत्व

अमेरिका के सान फ्रांसिस्को शहर में 26 मार्च को भारत विरोधी खालिस्तानी उपद्रवियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला बोला था। कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के सामने खालिस्तानी झंडे लहराए। वे नारे लगाते हुए कुछ प्रदर्शनकारियों ने वहां की अस्थाई सुरक्षा व्यवस्था को छकाते हुए दूतावास परिसर में खालिस्तानी झंडे लगा दिए।

अमेरिकी प्रवक्ता ने भारत के राजदूत और पत्रकार पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा किए हमले पर भी टिप्प्णी की। उन्होंने कहा, ”अमेरिका में राजनयिक सुविधाओं तथा वहां काम करने वाले लोगों पर हिंसा करना या हिंसा की धमकी देना गंभीर चिंता की बात है। यह बर्दाश्त के बाहर है। हम दूतावास कर्मियों और उनमें काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर सभी उचित कदम उठाएंगे, इसके हम प्रतिबद्ध हैं। पत्रकारों पर भी हमले किसी तरह स्वीकार्य नहीं हो सकते। मीडिया के किसी सदस्य के विरुद्ध हिंसा की कैसी भी घटना की हम भर्त्सना करते हैं।”

अमेरिका के सान फ्रांसिस्को शहर में 26 मार्च को भारत विरोधी खालिस्तानी उपद्रवियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला बोला था। कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के सामने खालिस्तानी झंडे लहराए। वे नारे लगाते हुए कुछ प्रदर्शनकारियों ने वहां की अस्थाई सुरक्षा व्यवस्था को छकाते हुए दूतावास परिसर में खालिस्तानी झंडे लगा दिए। खालिस्तानी उपद्रवियों ने वाणिज्य दूतावास परिसर में दरवाजे और खिड़कियों को भी तोड़ा।

अमेरिकी प्रवक्ता द्वारा राहुल को संसद से निष्कासित किए जाने को लेकर जो टिप्पणी की गई उस पर भारत के केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने अमेरिकी प्रवक्ता की इस टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी से जुड़ा विषय भारत का आंतरिक मामला है। कोई भी सर्वोच्च न्यायालय से बढ़कर नहीं है। ठाकुर ने अमेरिकी प्रवक्ता के बयान को कोई वजन न देते हुए, इसे एक ‘सामान्य वक्तव्य’ बताया।

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