अलगाववादी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सरगना अमृतपाल व उसके साथियों को लेकर सिखों के सर्वोच्च कहे जाने वाले श्री अकाल तख्त साहिब व पंजाब सरकार आमने सामने आ गई है। अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल के साथियों को 24 घंटे के अन्दर रिहा करने का अल्टीमेटम दिया तो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें अकाली दल बादल के इशारों पर न चलने की नसीहत दे डाली।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के अल्टीमेटम पर जवाब दिया। मान ने ट्वीट किया था, ‘जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब जी, सबको पता है कि आप और एसजीपीसी अकाली दल बादल का पक्ष लेते रहे हैं। इतिहास देखिए कई जत्थेदारों को बादलों ने अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया। अच्छा होता आप अल्टीमेटम गुमशुदा हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों के लिए जारी करते न कि हंसते बसते लोगों को भडक़ाने के लिए।’
इसके जवाब में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि ‘भगवंत मान जी, जैसा कि आप पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हैं, वैसे ही मैं भी अपनी कौम का प्रतिनिधि हूं। अपने पंथ के युवाओं के अधिकारों के संबंध में बात करने का मेरा भी अधिकार है। आप ठीक कह रहे हैं। अक्सर निर्दोष धार्मिक लोगों का उपयोग राजनीतिक लोग करते हैं। मुझे इस बात की जानकारी है, लेकिन आपको सावधान रहना चाहिए कि कोई और अपनी राजनीतिक रोटियों को सेंकने के खातिर पंजाब को तंदूर की तरह जलाने के लिए आपका इस्तेमाल न करे। राजनीति की बात हम बाद में करेंगे। पहले हम मिलकर पंजाब को बचाएं और घर में इंतजार कर रहीं माताओं को जेल में बंद अपने मासूम बेटों से मिलाएं और उनसे आशीर्वाद लें।’
बता दें कि इस सोमवार को जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने सिख संगठनों, सिख विद्वानों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। मीटिंग में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि सिख युवाओं को 24 घंटे में रिहा किया जाए और दर्ज मामले वापस लिए जाएं।
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