इस्राएल में 27 मार्च को सरकार विरोधी प्रदर्शनों को जबरदस्त दौर चला। यह हंगामा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा एक दिन पूर्व यानी 26 मार्च को रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त करने के विरोध में और न्यायिक सुधार विधेयक को वापस लेने की गरज से किया गया था। प्रदर्शन इतना व्यापक था कि विशेषज्ञ इसे इस्राएल के इतिहास में सबसे विशाल प्रदर्शन मान रहे हैं। आम जनता देश के सबसे बड़े मजदूर संगठन के समर्थन में सड़कों पर उतर आई थी। इस प्रदर्शन को देखते हुए नेत्यनाहू ने न्यायिक सुधार को फिलहाल फिलहाल विराम दे दिया है।
राजधानी तेल अवीव से यरुशलम तक देश की सड़कें नारे लगाते नागरिकों से पट गई थीं। लोग न्यायिक सुधार का ऐसा विरोध करेंगे इसकी शायद नेत्यनाहू ने कल्पना नहीं की थी। हड़ताल की वजह से पूरा देश लगभग ठप पड़ गया था। इस हड़ताल का असर भारत में भी देखने को मिला। नई दिल्ली स्थित इस्राएल दूतावास खुद इस हड़ताल में उतर पड़ा और अपना काम बंद कर दिया। आखिरकार हड़ताल का आह्वान देश के सबसे बड़े मजदूर संगठन ने जो किया था। और सिर्फ भारत के ही नहीं दुनियाभर में स्थित इस्राएल के राजनयिक मिशनों के साथ ही हर सरकारी कर्मचारी से हड़ताल पर जाने का आह्वान किया गया था। इस्राएल के तमाम राजनयिक मिशनों के अधिकारियों ने विज्ञप्ति जारी कर दी कि तब तक हड़ताल पर रहेंगे, जब तक विधेयक को निरस्त नहीं कर दिया जाता, वे हड़ताल पर रहेंगे।
रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को इसलिए हटाया गया था क्योंकि उन्होंने उक्त विवादस्पद विधेयक का विरोध किया था। गैलेंट का कहना था कि ‘न्यायिक सुधार विधेयक पर जिस तरह से लोग बंटे हुए हैं उसे ध्यान में लेते हुए इस पर एक महीने के लिए विधायी प्रक्रिया रोक देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कल यानी सोमवार दोपहर बाद यह कहा कि वे फिलहाल न्यायिक सुधार विधेयक रोक रहे हैं। समाचार एजेंसी एएफपी का कहना है कि 26 मार्च को रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को इसलिए हटाया गया था क्योंकि उन्होंने उक्त विवादास्पद विधेयक का विरोध किया था। गैलेंट का कहना था कि ‘न्यायिक सुधार विधेयक पर जिस तरह से लोग बंटे हुए हैं उसे ध्यान में लेते हुए इस पर एक महीने के लिए विधायी प्रक्रिया रोक देनी चाहिए।
अगले दिन यानी 27 मार्च को प्रदर्शनों ने देशव्यापी रूप ले लिया। प्रदर्शनकारी भीड़ वहीं बर्खास्त रक्षा मंत्री के समर्थन में और नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शनकारी तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय के पास इकट्ठी हो कर रक्षा मंत्री को बर्खास्त करने का विरोध करने लगी। देखते देखते हजारों की संख्या में आम नागरिक भी आ जुटे।
विधेयक के विरुद्ध ऐसे उबाल को देखते हुए आखिरकार नेतन्याहू को घोषणा करनी पड़ी कि न्यायिक सुधार विधेयक को फिलहाल रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर विशद चर्चा की जाएगी।
टिप्पणियाँ