जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सोमवार को जयपुर में डॉक्टरों ने शक्ति प्रदर्शन किया। जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर से शुरू हुए पैदल मार्च में अजमेर से भी सैकड़ों की संख्या में चिकित्साकर्मी और चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। बिल के विरोध और डॉक्टरों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसमें मेडिकल सर्विस बंद करने की भी बात कही जा रही है। मरीज बेहद परेशान हैं और डॉक्टर अपनी लाचारी दर्शा रहे हैं। राजस्थान में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं।
अजमेर समेत प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में सोमवार को भी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। पिछले 7 दिन से ज्यादा समय से रेजिडेंट्स के हड़ताल पर रहने के कारण अजमेर के जवाहर लाल नेहरू हॉस्प्टिल या जयपुर के एसएमएस समेत दूसरे हॉस्पिटलों में मरीजों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। यहां ओपीडी के साथ ही आईपीडी में भी मरीजों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले कम हो गई। लोग हड़ताल के चलते दर्द और पीड़ा से परेशान होते हुए भी अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। जो लोग इमरजेंसी में आ रहे हैं उन्हें भी उपचुक्त सेवा सुविधा नहीं मिल पा रही है।
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज राजस्थान की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ऑनलाइन बैठक में किए गए निर्णय के अनुसार मंगलवार को भी सुबह 9 से 11 बजे तक राजस्थान के मेडिकल कॉलेज के समस्त चिकित्सकों द्वारा रूटीन कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। जीआईपीडी, ओपीडी और नियमित ऑपरेशन थिएटर का बहिष्कार रहेगा। इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेगी।
प्राईवेट मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसाइटी एवं प्राइवेट हॉस्पिटल नर्सिंग होम सोसाइटी के सदस्यों ने भी सभी तरह की इमरजेंसी सेवाएं बंद कर रखी हैं। क्लीनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर भी बंद पड़े हैं। सोसाइटी के सचिव डॉ कुलदीप शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट डॉ पंकज तोषनीवाल, डॉ विजय गक्खड़ एवं डॉ राजा मेहता के अनुसार जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती निजी अस्पतालों में मरीजों को सरकारी योजनाओं के तहत उपचार दे पान संभव नहीं होगा। इससे डाक्टर और मरीज के आपसी रिश्तों में बहुत ही गिरावट आएगी। बिल वापस नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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