प्रयागराज के जनपद न्यायालय में एक पुराने मुकदमे में फैसला सुनाया जाना है. उस तारीख पर अतीक अहमद समेत सभी अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया जाना है. प्रयागराज जनपद से एक आईपीएस और तीन डिप्टी एसपी समेत 40 पुलिस कांस्टेबल को साबरमती जेल भेजा गया है. उम्मीद है कि 27 मार्च की रात पुलिस अतीक अहमद को लेकर प्रयागराज जनपद पहुंचेगी. अतीक अहमद को सड़क मार्ग से लाया जा रहा है.
प्रयागराज जनपद के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि एक पुराने मुकदमे में न्यायालय के द्वारा निर्णय की तारीख तय की गई है. उस तारीख पर सभी अभियुक्तगणों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाना है. न्यायालय का निर्णय आ जाने के बाद पुनः अभिययुक्त अतीक अहमद को जेल भेजा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि गत 24 फरवरी को प्रयागराज जनपद के धूमनगंज थाना अंतर्गत उमेश पाल को घर के सामने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. इस हमले में दोनों गनर की भी मृत्यु हो गई. राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई काफी तीव्र गति से चल रही है. इसी दौरान 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई.
बता दें कि वर्ष 2005 में जब विधायक राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई तो सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे. जिस समय मुकदमे की सुनवाई हो रही थी. उस समय सपा का शासनकाल था. उसके बाद राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि सपा के शासनकाल में अभियुक्तगण अत्यंत प्रभावी हैं इसलिए ट्रायल पर रोक लगा दी जाय. उच्च न्यायालय ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी.
जैसे ही बसपा की सरकार वर्ष 2007 में बनी. अतीक अहमद और उसके भाई के खिलाफ मुक़दमे दर्ज किये गए. राजू पाल हत्याकांड के गवाह जो कोर्ट में मुकर गए थे, उन सब ने थाने में एफआईआर लिखवाया कि उनका अपहरण कर लिया गया था और यह कहा गया था कि कोर्ट में अगर नहीं मुकरोगे तो जान से मार दिए जाओगे, इसलिए जान के डर से कोर्ट में बयान से मुकरना पड़ा था, राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल समेत अन्य कई लोगों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था.
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