उत्तराखंड : आज शुरू हुआ था देवभूमि के पर्यावरण की रक्षा के लिए चिपको आंदोलन
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड : आज शुरू हुआ था देवभूमि के पर्यावरण की रक्षा के लिए चिपको आंदोलन

- छोटे से गांव से प्रारम्भ हुआ दुनिया का सबसे अनोखा आन्दोलन जिसने देश और दुनिया की दिशा और दशा ही बदल कर रख दी थी।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Mar 26, 2023, 04:53 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देवभूमि उत्तराखण्ड को आंदोलनों की भूमि कहा जाना अतिश्योक्ति नहीं होगा सन 1921 में कुली बेगार आन्दोलन, सन 1930 का तिलाड़ी आन्दोलन, सन 1984 का नशा नहीं रोजगार दो आन्दोलन, सन 1994 का उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आन्दोलन ऐसे छोटे–बड़े अनेक आंदोलनों ने यह बात सिद्ध की है कि यहां की मिट्टी में पैदा हुआ प्रत्येक व्यक्ति अपने हक की लड़ाई लड़ना जानता है। वन संरक्षण से पर्यावरण की शुद्धि और मानव के अस्तित्व की सुरक्षा के लिए विश्व स्तर पर चलाई जा रही जनचेतना की शुरुआत “चिपको आन्दोलन” भविष्य में मानव जाति के लिए प्रेरणा बना रहेगा। छोटे से गांव से प्रारम्भ हुआ दुनिया का सबसे अनोखा आन्दोलन जिसने देश और दुनिया की दिशा और दशा ही बदल कर रख दी थी।

चिपको आन्दोलन – 26 मार्च सन 1974 ग्राम रैणी, चमोली, उत्तरांखण्ड.

सन 1962 में भारत-चीन युद्ध के उपरान्त मोटर मार्गों के बिछते जाल ने पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दिया था। सन 1973 में शासन ने जंगलों को काटकर अकूत राजस्व बटोरने की नीति बनाई थी। जंगल कटने का सर्वाधिक असर पहाड़ की महिलाओं पर पड़ा था। उनके लिए घास और ईंधन लकड़ी की कमी होने लगी थी, हिंसक पशु गांव में आने लगे थे।धरती खिसकने और धंसने लगी, वर्षा कम हो गयी, हिमानदों के सिकुड़ने से गर्मी बढ़ने लगी और इसका वहां की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। राज्य के निर्मम शासकों को इन सबसे क्या लेना था, उन्हें तो प्रकृति द्वारा प्रदत्त हरे-भरे वन अपने लिए सोने की खान लग रहे थे। 15 मार्च एवं 24 मार्च सन 1974 को जोशीमठ में तथा 23 मार्च को गोपेश्वर में रेणी जगंल के कटान के विरुद्ध प्रदर्शन के बावजूद मजदूर जंगल कटान को रेणी गाँव पहुंच गये थे। 26 मार्च को वन विभाग के कर्मचारियों के संरक्षण में ठेकेदार के मजदूर ऋषिगंगा के किनारे-किनारे जंगल की तरफ बढ़ रहें थे। उसी समय  घर-परिवार के कार्यों में व्यस्त रैणी ग्राम की लगभग 21 महिलाएं तथा कुछ बच्चे देखते-देखते जंगल की ओर चल पड़े।आशंका और आत्मविश्वास के साथ वह महिलाएं लगातार आगे बढ़ती चली गई थी। महिलाओं ने मजदूरों से कहा- “भाइयो यह जंगल हमारा और आपका है, इससे हमें जड़ी-बूटी, सब्जी, फल, लकड़ी, सुरक्षा आदि मिलती है। जंगल को काट दोगे तो यहां बाढ़ आएगी, हमारे बगड़ बह जायेंगे।”

राजकीय ठेकेदार और जंगलात महकमे के आदमी उन्हें धमकाने लगे, काम में बाधा डालने पर गिरफ्तारी की धमकी देने लगें लेकिन आंदोलनकारी महिलाएं बिल्कुल भी डरी नही थी। आंदोलनकारी महिलाओं के अंदर जंगल और उसकी अर्थव्यवस्था को उजाड़ने के विरुद्ध समाज का छिपा रौद्र रुप संयुक्त रुप से प्रकट हुआ था। सरकारी महकमें से एक कर्मचारी ने बंदूक निकालकर समाज की तरफ तान दी तो समाज ने गरजते हुए कहा- “मारो गोली और काट लो हमारा मायका” जवाब सुनकर सरकार के मजदूरों में भगदड़ मच गई। राजकीय ठेकेदार ने पुनः वन को काटने के विरुद्ध खड़े ग्रामीणों को डराने-धमकाने का प्रयास किया, यहां तक कि महिलाओं को अपमानित कर उनके चेहरे पर भी थूक दिया था, किन्तु आंदोलनकारियों ने बिल्कुल भी संयम नहीं खोया था। आंदोलनकारी महिलाएं पेड़ों से लिपट गयीं, उन्होंने राजकीय ठेकेदार को बता दिया कि अब उनके जीवित रहते जंगल नहीं कटेगा। आंदोलनकारी महिलाओं ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि कुल्हाड़ी का पहला प्रहार उसके शरीर पर होगा, पेड़ पर नहीं। ठेकेदार डर कर पीछे हट गया और आंदोलनकारी महिलाओं का मायका घर समान जंगल बच गया था तथा प्रतिरोध की सौम्यता और गरिमा बनी रही थी।

रेणी के जंगल के साथ-साथ अलकनन्दा में मिलनेवाली समस्त नदियों-ऋषिगंगा, पातालगंगा, गरुड़गंगा, विरही और मन्दाकिनी के जल ग्रहण क्षेत्रों तथा कुंवारी पर्वत के जंगलों की सुरक्षा की बात उभरकर सामने आई और सरकार को इस हेतु निर्णय लेने पड़े। सीमांत का खामोश गाँव रेणी दुनिया का एक चर्चित गांव हो गया था। उक्त घटनाक्रम ही चिपको आंदोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ था। गौरा देवी, चंडीप्रसाद भट्ट तथा सुंदरलाल बहुगुणा जैसे समाजसेवियों के जुड़ने से यह आंदोलन विश्व भर में प्रसिद्ध हो गया था। यद्यपि जंगलों का कटान अब भी जारी है, नदियों पर बन रहे दानवाकार बांध और विद्युत योजनाओं से पहाड़ और वहां के निवासियों का अस्तित्व संकट में पड़ गया है। गंगा-यमुना जैसी नदियां भी सुरक्षित नहीं हैं, पर रैणी के जंगल अपेक्षाकृत आज भी हरे और जीवंत हैं।

Topics: Chipko movementकब शुरू हुआ था चिपको आंदोलनचिपको आंदोलन का इतिहासउत्तराखंड का चिपको आंदोलनwhen the chipko movement startedthe history of the chipko movementthe Chipko movement of Uttarakhand
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आज का इतिहास : 26 मार्च को शुरू हुआ था पर्यावरण रक्षा का महायज्ञ

सुन्दरलाल बहुगुणा (फाइल फोटो)

महान पर्यावरण चिंतक सुन्दरलाल बहुगुणा, जिन्होंने चिपको आंदोलन के जरिए देश-दुनिया को वनों के संरक्षण के लिए किया प्रेरित

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies