बसपा सरकार में ताकतवर मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की बेनामी संपत्तियों पर आयकर विभाग ने कार्रवाई की. लखनऊ के बंथरा में स्थित भूमि को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है. इस भूमि की कीमत 35 करोड़ रुपये बताई जा रही है. कुछ समय पूर्व बाबू सिंह कुशवाहा के करीबी देशराज सिंह कुशवाहा के यहां पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी. उस समय देशराज सिंह कुशवाहा के घर से कुछ दस्तावेज बरामद हुए थे. उन्ही दस्तावेज के माध्यम से आयकर विभाग को इस बेनामी संपत्ति की जानकारी हुई थी.
बाबू सिंह कुशवाहा एनआरएचएम घोटाले एवं स्मारक घोटाले में भी आरोपी है. वर्ष 2007 में जब मायावती मुख्यमंत्री बनी थीं तब लखनऊ और नोएडा में अम्बेडकर स्मारक और परिवर्तन स्थल, समेत पत्थरों के कई स्मारक बनवाये गए थे. इन स्मारकों पर सरकारी खजाने से 41 अरब 48 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
तत्कालीन लोकायुक्त एन. के मेहरोत्रा ने वर्ष 2013 में इसे 14 अरब से अधिक का स्मारक घोटाला बताया था. 6 वर्ष बाद विजिलेंस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया था और वर्ष 2020 में विजिलेंस ने एमपी एवं एमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. इस घोटाले में विजिलेंस ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक सुहैल अहमद फारुखी, यूपी राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन इकाई प्रभारी अजय कुमार, एस.के त्यागी, पन्नालाल यादव, होशियार सिंह एवं अशोक सिंह को आरोपी बनाया था. विजिलेंस ने सरकारी सेवा में रहते हुए विश्वासघात, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण की धाराओं में इन लोगों को आरोपी बनाया.
बता दें कि बसपा सरकार के दौरान स्मारकों के निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत, लोकायुक्त से की गई थी. लोकायुक्त की जांच में अनियमितता पाई गई थी. विजिलेंस ने जनवरी 2014 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
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