जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर में सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की गिरावट आई है। नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है।
उन्होंने कहा कि मैं इस भव्य स्थापना समारोह के लिए आप सबको बधाई देता हूं। 2249 बलिदान जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है। देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार सीआरपीएफ बन गया है। मैं बस्तर में खड़े होकर आप लोगों के बीच बोल रहा हूं। आज नक्सलियों का जो खात्मा हो रहा है, ये सीआरपीएफ की बदौलत है। एक बटालियन से शुरू हुई सीआरपीएफ आज देश के सभी कोने में मौजूद है। उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवाद हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की गिरावट हुई है। इसी का नतीजा है कि मौतों में 78 फीसदी की कमी आई है। उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इतिहास में सीआरपीएफ का अहम योगदान है। उनके कल्याण के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। जवानों ने उग्रवादियों से लड़ाई लड़ी है। 18 हजार से ज्यादा आदिवासी भाइयों को जवानों ने दवाई से लेकर सभी सुविधाएं मुहैया कराई है।
अमित शाह ने कहा कि कोरोना काल में सीआरपीएफ की जहां तैनाती थी, वहां जनता की सेवा में जज्बे से काम किया है। अपना आदर्श वाक्य सेवा और निष्ठा का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि, वामपंथियों और उग्रवादियों की फंडिंग के स्रोत को रोकने के लिए हमने एनआईए और ईडी को एक्टिव किया है। इसका नतीजा है कि आज नक्सलियों की कमर टूट गई है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। मैं बलिदानी परिवारों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की अहम भूमिका है। 174 विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अंदर हल्बी बुलेटिन शुरू होने से स्थानीय भाषा मजबूत होगी। वनवासी अपनी भाषा में देश-दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। दूरदर्शन और आकाशवाणी को बधाई देता हूं।
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