बाल यौन शोषण को बढ़ावा देने के मामले में एक भारतीय नागरिक को अमेरिका की एक अदालत ने दोषी ठहराया है। अदालत ने दोषी ठहराए गए व्यक्ति को 188 माह जेल की सजा सुनाई है।
मूल रूप से भारत के गोवा का निवासी 34 वर्षीय एंजेलो विक्टर फर्नांडेज अमेरिका के एक क्रूज शिप का कर्मचारी है। अमेरिकी न्याय विभाग की जानकारी के अनुसार एंजेलो पर बच्चों के यौन शोषण से संबंधित सामग्री को बांटने का आरोप सिद्ध हुआ है। अमेरिका के न्याय विभाग ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आरोप है कि एंजेलो ने वर्ष 2022 में डेनियल स्कॉट क्रो नामक व्यक्ति को बच्चों के यौन शोषण से संबंधित 13 वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से भेजे थे। साथ ही उसने अपने संदेश में ये भी कहा था कि वह क्रूज शिप पर यात्रा के दौरान बच्चों के यौन शोषण का भी इंतजाम कर देगा। ये संदेश ही एंजेलो के खिलाफ अहम सबूत साबित हुए।
इस मामले में सरकारी वकील ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति के साथ भी सोशल मीडिया पर बातचीत के दौरान एंजेलो ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए नाबालिग बच्चों के इंतजाम का दावा किया था। सुनवाई में दोषी पाए जाने के बाद अमेरिका के फेडेरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एंजेलो विक्टर फर्नांडेज को 188 महीने की जेल की सजा सुनाई है। वहीं एंजेलो ने जिस डेनियल स्कॉट क्रो को बाल यौन शोषण से जुड़े वीडियो भेजे थे, उसे बच्चों के साथ यौन शोषण के आरोप में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। दिसंबर 2022 में अदालत ने उसे 30 साल की सजा सुनाई थी।
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