ऑर्गेनिक खेती से आय की दुगुनी
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

ऑर्गेनिक खेती से आय की दुगुनी

बेंगलुरु के किसान नाविकराम ने दस वर्ष पूर्व जब ऑर्गेनिक खेती करने की ठानी, तब बहुत अड़चनें आईं। परंतु उनके निरंतर प्रयास से अब उनकी आमदनी दुगुनी हो चुकी है

by मनोहर यादवत्ती
Mar 24, 2023, 07:42 am IST
in भारत, कर्नाटक
नाविकराम आरसी

नाविकराम आरसी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नाविकराम ने जैविक फसल और फूल की खेती के साथ-साथ पशु पालन में भी सफलता की कहानी लिखी।

बेंगलुरु ग्रामीण जिले के डोड्डाबल्लापुर तालुक के लक्ष्मीदेवीपुरा गांव के निवासी किसान नाविकराम आरसी की व्यक्तिगत और भौतिक स्थिति का 10 वर्ष पूर्व के मुकाबले आज पूरी तरह कायाकल्प हो चुका है। ऑर्गेनिक खेती के बाबत विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक सलाह से आज वे बहुत खुशहाल किसान हैं। ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले उनकी वार्षिक आमदनी 4 से 5 लाख रुपये थी। अब सभी खर्चे काटने के बाद उन्हें वार्षिक लगभग 10 लाख रुपये का लाभ हो जाता है।

कॉमर्स ग्रेजुएट नाविकराम ने पढ़ाई के तुरंत बाद खेती शुरू कर दी थी। उन्हें आज की स्थिति में पहुंचने में बहुत अड़चनें आईं। सबसे पहले तो उनके पिता ने अपनी जमीन का वितरण सभी बेटों में समान रूप से किया था परंतु कुछ भाइयों ने जमीन के मामले में मुकदमा दायर कर रखा था। इस कानूनी लड़ाई से निकलने के लिए नाविकराम को बहुत पापड़ बेलने पड़े।

 

 

 

 

 

 

नाविकराम ने सागौन के 200 पौधे, 35 नारियल, 4,000 चीकू, अचार किस्म के पांच आम, नारंगी, लाल चंदन, लाल चंदन, काला बेर और कई अन्य पौधे लगाए हैं। उसकी सभी उपज कार्बनिक है क्योंकि किसी भी उर्वरक या रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। उनके इस परिश्रम और नवाचार को तमाम पुरस्कारों के जरिए मान दिया गया। इनमें तालुक, जिला और राज्य स्तर के पुरस्कार शामिल हैं

नाविकराम ने जब खेती शुरू की, तो उन्होंने सबसे पहले मौजूदा अंगूर की फसल को हटा दिया। उन्होंने आर्गेनिक खेती करने की ठानी और इसके लिए राज्य के कृषि, बागवानी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के अधिकारियों और वैज्ञानिकों की सलाह ली। उन्होंने ग्राफ्टिंग की भी ट्रेनिंग ली। इसके बाद बागवानी और फूलों की फसलों के साथ प्रयोग करने लगे।

नाविकराम को पानी की भी दिक्कतें आईं। उनके बोरवेल से केवल 1/2 इंच पानी का उत्पादन होता था, लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। उपलब्ध भूमिगत जल का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए उन्होंने वर्षा जल को संग्रहीत करने के लिए खेत तालाब खोदने के लिए सरकारी सब्सिडी का उपयोग किया।

उन्होंने कटहल की 10 किस्में लगाई हैं और उनमें कचहल्ली किस्म के नरसिमैया की ग्राफ्टिंग शामिल है। यह पेड़ 500 साल पुराना बताया जाता है, जबकि इस किस्म के फलों का वजन लगभग 28 किलोग्राम होता है! उन्हें अंगूर की भी बंपर फसल मिली है, जबकि यह सिर्फ 10-11 महीने पुरानी है।

नाविकराम ने सागौन के 200 पौधे, 35 नारियल, 4,000 चीकू, अचार किस्म के पांच आम, नारंगी, लाल चंदन, लाल चंदन, काला बेर और कई अन्य पौधे लगाए हैं। उसकी सभी उपज कार्बनिक है क्योंकि किसी भी उर्वरक या रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। उनके इस परिश्रम और नवाचार को तमाम पुरस्कारों के जरिए मान दिया गया। इनमें तालुक, जिला और राज्य स्तर के पुरस्कार शामिल हैं।

नाविकराम ने जैविक फसल और फूल की खेती के साथ-साथ पशु पालन में भी सफलता की कहानी लिखी। उन्होंने भेड़, मुर्गी, गाय, भैंस, सुअर, खरगोश, मधुमक्खी और मछली पालन किया। उनके खेत तालाब में मत्स्य पालन होता है और मछलियों के चारे के रूप में मुर्गियों के मल-मूत्र का उपयोग किया जाता है। इससे मछली के चारे पर कोई खर्च नहीं होता है।

Topics: sapotaऑर्गेनिक खेतीpickle mangoअंगूर की फसलorangeचीकूred sandalwoodअचार आमblack plumनारंगीलाल चंदनकाला बेरDoubling of income from organic farmingNavikram RCOrganic farmingcrops of grapesनारियलcoconutनाविकराम आरसी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मौसम के अनुरूप हो भोजन

NCOL और उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर, अमित शाह ने किसानों से की महत्वपूर्ण अपील

कृषि विज्ञान में रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

‘देवभूमि के सनातन स्वरूप को बिगड़ने नहीं देंगे’ -पुष्कर सिंह धामी

ओम प्रकाश

5 हेक्टेयर खेत से 35 लाख की कमाई

सुमन देवी

जोत छोटी, हौसला बड़ा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies