गुरुवार दोपहर बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। वादी आशुतोष पाण्डेय की याचिका को लेकर गुरुवार को अहम फैसला आने वाला था, लेकिन व्यस्तता के चलते फैसला 31 मार्च को सुनाया जाएगा। वहीं मनीष यादव की याचिका 152 पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।
गुरुवार दोपहर बाद दोनों याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष द्वारा न्यायालय में करीब 01 घंटा 30 मिनट तक अपनी दलीलें पेश की गई और कहा बाहरी लोग यहां आकर न्यायालय में याचिका दाखिल कर रहे हैं और माहौल खराब करना चाहते हैं। इसलिए पहले यह तय हो जाए कि उनकी याचिका न्यायालय में सुनने लायक है या नहीं। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद मनीष यादव की याचिका पर 17 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की है।
मनीष यादव की याचिका पर न्यायालय में दलील पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर की भूमि 13.37 एकड़ में बनी हुई है, शाही ईदगाह मस्जिद इस भूमि से अलग है। हम न्यायालय में दस्तावेज समय आने पर पेश करेंगे, लेकिन मनीष यादव के पास कोई भी दस्तावेज ऐसा नहीं है कि भगवान श्रीकृष्ण उनके पूर्वज है। स्थानीय निवासी भी नहीं है, मंदिर परिसर के पदाधिकारी और संस्था में कोई सदस्य भी नहीं है।
वादी आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि आज श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में अहम फैसला आने वाला था। लेकिन व्यस्त कार्य के चलते न्यायालय अपना फैसला 31 मार्च को सुनाएगा, जो भी फैसला आएगा हमें मान्य होगा।
नीरज शर्मा अधिवक्ता ने बताया आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। आशुतोष पाण्डेय की याचिका पर 31 मार्च को फैसला आएगा. दूसरा याचिका मनीष यादव की पर सुनवाई हुई थी, शाही ईदगाह मस्जिद समय आने पर दस्तावेजों के साथ अपनी बात हम कोर्ट में रखेंगे। अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।
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