ऐसा लगता है कि झारखण्ड में तालिबान का राज है। मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजते रहते हैं, लेकिन हिंदुओं से कहा जा रहा है कि रामनवमी के अवसर पर कोई बाजा मत बजाओ।
झारखंड के हजारीबाग में 104 वर्ष से रामनवमी का त्योहार मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार इस पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। हजारीबाग जिला प्रशासन ने रामनवमी के दौरान प्रत्येक मंगलवार को निकलने वाले मंगला जुलूस को रोकने के लिए धारा 144 भी लगा दी है। इसमें उल्लेख किया गया है कि धारदार हथियार, डंडा, लाठी के साथ एक जगह एकत्र होना कानूनन अपराध है। जुलूस में डीजे बजाने को लेकर भी पाबंदी है। ऐसी ही स्थिति प्रदेश के पलामू जिले में भी देखी जा रही है। यहां भी प्रशासन की ओर से अखाड़ा, जुलूस, ढोल और पारंपरिक हथियार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी हुआ है।
प्रशासनिक आदेश का विरोध हजारीबाग के विभिन्न अखाड़े कर रहे हैं। विरोध करने पर हजारीबाग के 9 लोगों पर नामजद और लगभग 200 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से हजारों लोगों पर 107 के तहत कार्रवाई की गई है। इसके विरोध में हजारीबाग के मंडय में रवि पांडे नाम के हिंदू कार्यकर्ता अनशन पर बैठे हैं। वहीं दूसरी ओर हजारीबाग के बड़ा अखाड़ा गेट के पास रामभक्त अमन अपने सहयोगियों के साथ प्रशासन द्वारा जुलूस पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर पिछले 6 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं।
हालांकि अब यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। हजारीबाग के विधायक मनीष जयसवाल ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान अपने कुर्ते को फाड़ कर पूछा कि झारखंड में हिंदू होना अपराध है क्या? उन्होंने सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया और कहा कि सरकार नहीं चाहती कि हिंदुओं की आस्था का सम्मान हो। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोविड-19 का बहाना लेकर जुलूस पर पाबंदी लगाने का प्रयास किया जा रहा है। अब यह मामला सिर्फ हजारीबाग के हिंदुओं का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के हिंदुओं का बन चुका है।
इसी बजट सत्र में भवनाथपुर से भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही ने पलामू जिला प्रशासन द्वारा रामनवमी को लेकर जारी की गई चिट्ठी के संबंध में कहा कि पलामू में पारंपरिक हथियार जुलूस आदि निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी दौरान उन्होंने शिवरात्रि के दौरान पलामू के पाकी क्षेत्र में हुए उपद्रव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार तालिबानियों की तरह शासन करना चाहती है, लेकिन अब चुप नहीं बैठेंगे। कोई कुछ भी कर ले लेकिन रामनवमी का जुलूस निकलकर ही रहेगा।
इसी सत्र में चंदनक्यारी के विधायक अमर बावरी ने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो राज्य में हिंदू होना गुनाह हो गया है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों में दिन-रात लाउडस्पीकर बजाए जाते हैं लेकिन उस पर कोई प्रतिबंध नहीं होता और रामनवमी का पर्व वर्ष में एक बार आता है तो तालिबानी फरमान जारी करते हुए लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
अब यह देखना है कि राज्य सरकार इन प्रतिबंधों को हटाती है या फिर वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करती रहेगी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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