साइबर ठगों ने अपना तरीका बदल दिया है। पहले फोन करके पासवर्ड ,पैन या आधार कार्ड का डिटेल पूछा जाता था। अब बैंक से कर्ज दिलाने के नाम पर ठगी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें बैंक से कर्ज दिलाने के नाम पर वहां के ग्रामीणों के साथ ठगी की जा रही थी। इस मामले में पुलिस को अलग-अलग 13 तहरीर मिली है। पुलिस ने एक अभियुक्त अंकित सिंह को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना रजनीश प्रताप सिंह , गिरफ्तार अभियुक्त अंकित सिंह का मामा है। अंकित सिंह को एक व्यक्ति का विवरण देने के बदले में ढाई हजार रुपये मिलते थे।
गिरफ्तार अभिययुक्त अंकित सिंह ने पुलिस को बताया कि इस गिरोह का मुखिया उसका मामा रजनीश प्रताप सिंह है। उसके ही कहने पर वह गांव-गांव घूमकर लोगों की जानकारी एकत्र कर रहा था। गांव में जाकर लोगों को वह बैंक से कर्ज दिलाने का लालच देता था। जब लोग कर्ज लेने के लिए तैयार हो जाते थे तब उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर मांग लेता था। एक व्यक्ति का विवरण देने के बदले में उसे ढाई हजार रुपये मिलते थे। जब इस ठगी का मामला संज्ञान में आया तब लोगों ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस को 13 लोगों ने अलग- अलग तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अभियुक्त अंकित सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह के अन्य सदस्य अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
पुलिस का कहना है कि रजनीश प्रताप सिंह इस गिरोह का मुखिया है। वह अंबेडकर नगर जनपद का रहने वाला है। इस गिरोह के लोग ज्यादातर गांव में रहने वालों को निशाना बनाते हैं। गांव के अंदर जाकर के लोन दिलाने का वादा करते हैं। उसके बाद उन लोगों की सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं। गिरफ्तार अभिययुक्त के अंकित सिंह के कब्जे से फेडरल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के 200 खाते की जानकारी प्राप्त हुई है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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