जीवन में जीतना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी। इस कहावत को वलसाड में रहने वाली एक युवती ने सार्थक साबित किया है। युवती के संघर्ष में गुजरात सरकार भी साक्षी बनी। वनवासी समाज के लोगों के सपने आसमान की बुलंदी को छुए, इसके लिए राज्य सरकार उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने को इच्छुक विद्यार्थियों को 15 लाख रुपये लोन की योजना चला रही है। यह योजना कई विद्यार्थियों के सपनों को पंख देती साबित हुई है। उन्हें उनके लक्ष्य को हासिल करने में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को दूर करती है। ऐसे ही एक मामले में भारी संघर्ष और निराशाओं को हराते हुए वनवासी समाज की एक युवती पायलट बन आज अंतरराष्ट्रीय उड़ान उड़ा रही है।
वलसाड तहसील के राबडा गांव के मूल और हाल शहर के बेचर रोड पर हाइवे पार्क अपार्टमेंट में रहने वाले हितेश ठाकोर पटेल बैंक में कर्मचारी हैं। उनकी दो बेटियां है। बेटी मिताली ने वलसाड के कान्वेंट स्कूल से वर्ष 2009 में 12वीं बोर्ड पास की। इसके बाद कुछ अलग करने की चाह की वजह से मिताली ने पायलट की पढ़ाई करने का निश्चय किया। इसके लिए उसने मुंबई की राह पकड़ी। पढ़ाई में बड़ी रकम खर्च होने की उम्मीद थी, लेकिन पिता ने बेटी के हौसले को बुलंद रखा। बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने अपने सगे-संबंधियों से कर्ज लेने का मन बनाया। इसी बीच उन्हें आदिवासी वनवासी विकास कार्पोरेशन के बारे में पता चला जो वनवासी विद्यार्थियों को पायलट की पढ़ाई के लिए योजना के तहत 15 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करता है। सरकार इस राशि पर महज 4 फीसदी मामूली ब्याज लेती है। इसके साथ लोन की राशि का इंस्टॉलमेंट एक साल बाद शुरू होता है। विद्यार्थियों को यह लोन 15 साल तक के लिए दिया जाता है। पिता के प्रयासों से सरकार की योजना से उन्हें 15 लाख रुपये प्राप्त हो गए। इसके बाद मिताली का करियर शुरू हो गया।
मिताली छोटे से वलसाड शहर से सीधे अमेरिका के कैलिफोर्निया कमर्शियल पायलट के लाइसेंस का प्रशिक्षण लेने रवाना हुई। करीब सवा साल के प्रशिक्षण के बाद वह स्वदेश लौटी। यहां विदेश का लाइसेंस कन्वर्ट कराने के बाद पायलट की नौकरी के लिए पहले रेडियो टेलिफोनिक परीक्षा को अनिवार्य रूप से पास करना पड़ता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद एयरबस के प्रशिक्षण के लिए वह आबुधाबी गई। यहां दो महीने का प्रशिक्षण लेकर वह भारत वापस आई। एयरलाइन में लेडी पायलट की भर्ती के लिए 2017 में आयोजित परीक्षा में मिताली शामिल हुई। इसके बाद वर्ष 2019 में उसे इंडिगो एयरलाइन में चेन्नई हवाईअड्डे पर नौकरी मिली। शुरुआत में मिताली का वेतन 90 हजार रुपये था। हाल में वह हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 1.5 लाख रुपये वेतन पर अंतरराष्ट्रीय विमान उड़ाने वाली पायलट के रूप में कार्यरत है।
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