चीन से कर्ज लेने को लेकर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सतर्कता के साथ विकास साझेदारी की बात कही। उन्होंने कहा कि उनका देश किसी विदेशी सहायता पर अधिक निर्भर नहीं है।
गौरतलब है कि दुनिया भर में छोटे देशों पर चीन के बढ़ते ऋण को लेकर चिंता की स्थिति है। ड्रैगन के कर्ज के जाल में फंसे कई देशों की आर्थिक हालात पर चीन को आलोचना का सामना करना पड़ा है।
श्रीलंका द्वारा हम्बनटोटा बंदरगाह 99 साल के पट्टे पर चीन को दिए जाने के बाद चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल और छोटे देशों में अरबों डॉलर की लागत वाली महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीन द्वारा सहायता किए जाने के कुप्रभाव को लेकर चिंता बढ़ी।
हसीना ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम कर्ज लेने के मामले में अत्यधिक सतर्क हैं। ज्यादातर हम विश्व बैंक या एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से ऋण लेते हैं। चीन से हमने बहुत कम ऋण लिया है। यह श्रीलंका या अन्य देशों जैसा नहीं है।
सत्तारूढ़ अवामी लीग की अध्यक्ष हसीना ने कहा, हम किसी पर निर्भर नहीं हैं। यह पूछने पर कि अमेरिका को ऐसा क्यों लगता है कि बांग्लादेश चीन के करीब जा रहा है और वह इस बारे में क्या कहना चाहेंगी, तो प्रधानमंत्री हसीना ने जवाब दिया कि बांग्लादेश उन सभी देशों के बेहद करीब है, जो उसके विकास के प्रयास का समर्थन करते हैं।
हसीना ने कहा कि हमारे विकास का समर्थन करने वाले देश चीन, अमेरिका, भारत हमारे साथ हैं। हसीना ने चीन को बांग्लादेश का महत्वपूर्ण विकास साझेदार बताया क्योंकि वे लोग निवेश कर रहे हैं और देश में महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में जुटे हैं। हसीना ने कहा कि उनकी सरकार ने किसी से अनावश्यक ऋण नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार करते हैं कि किस परियोजना से हमें लाभ हो सकता है।
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