पछुवा देहरादून में धामी सरकार के बुल्डोजर जल विद्युत निगम की सरकारी जमीन इन दिनों खाली करवा रहे है, राज्य बनने के बाद यहां मुस्लिम आबादी, यूपी से आकर सरकारी जमीनों पर कब्जे करते हुए बस्ती चली गई।
ढकरानी शक्ति नहर डाक पत्थर इलाको में नौ सौ से ज्यादा परिवारों के अतिक्रमण चिन्हित हुए जिनमे से सात सौ से ज्यादा मुस्लिम परिवार थे जोकि यूपी के जिलों से यहां आकर बसे।
हिमाचल से देवभूमि उत्तराखंड आने पर यहां मंदिर की मिनारे नही बल्कि मस्जिदों की ऊंची मीनारें दिखाई देती है।
दो दिन से बुल्डोजर जब अतिक्रमण हटा रहे है तो उनके पीछे बड़ी बड़ी मस्जिद भी दिखाई दे रही है। ये मस्जिदें तिवारी शासन काल में बनी थी जिसने आज इतना वृहद रूप ले लिया। ये कैसे यहां बनी और किसने इन्हे संरक्षण दिया ये बड़ा सवाल है, उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2004 में ये आदेश सभी राज्यो को दिया था कि कहीं भी कोई भी नया धार्मिक स्थल नही बनने दिया जाए और यदि कोई बनता है या फिर उसकी मरम्मत करता है तो उसे डीएम से अनुमति लेना अनिवार्य है। बावजूद इसके यहां बड़ी बड़ी मस्जिदें बनती चली गई और किसी ने उसे रोका तक नही। आज पछुवा देहरादून में 170 मस्जिदें बन गई है और जिला प्रशासन खामोशी की चादर ओढ़े रहा, ये सभी मस्जिदें सरकार की जमीनों पर खड़ी की गई है। इसी तरह यहां सौ से ज्यादा मजारे अवैध रूप से बन गई वो भी सरकारी जमीनों पर किसी ने रोका तक नही। हाल ही में विकास नगर के कालसी क्षेत्र में रिजर्व फॉरेस्ट में कब्रिस्तान बनाए जाने का मामला भी सुर्खियों में है।
स्थानीय हिंदू संगठन कहते है अवैध रूप से सरकार की जमीन पर बना कोई भी धार्मिक स्थल हो उसे हटाया जाना चाहिए।
ढकरानी में मस्जिद के साथ साथ सरकार की जमीन पर मदरसे भी बन गए है। अवैध कब्जों पर मकान बना लिए और उन्हें बचाने के लिए उसपर प्रधानमंत्री आवास योजना लिखा देखा गया। बड़ा सवाल ये है कि इस बॉर्डर एरिया में तहसीलदार, पटवारी एसडीएम आखिर क्यों आंखे मूंद कर बैठे रहे।
जानकारी के मुताबिक ये इलाका अवैध खनन की वजह से अवैध कारोबार का अड्डा बन चुका है और यहां तैनात होने वाले अधिकारियों को कथित रूप से मोटी रकम, खनन तस्करो से मिलती रही है जिसकी वजह से वो जनसंख्या असंतुलन के खतरे को अनदेखा करते रहे।
एक अनुमंनके मुताबिक पछुवा देहरादून में पच्चीस हजार से ज्यादा अवैध कब्जे कर मुस्लिम आबादी बसी हुई है जिसे धीरे धीरे अब चिन्हित किया जा रहा है, इसपर धामी सरकार ने ढकरानी क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण को हटा कर पहला प्रहार किया है।
जनसंख्या असंतुलन समस्या को पहली बार रुद्रपुर के विधायक शिव अरोरा ने विधान सभा में भी उठा कर सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया है। जिसके बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बुल्डोजर चलवा कर सरकार की तरफ से अपनी नियत स्पष्ट कर दी है ।
टिप्पणियाँ