नई दिल्ली। श्रद्धा हत्याकांड मामले में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट को बताया कि आफताब ने सोच समझकर इस घटना को अंजाम दिया है। जांच के दौरान परिस्थितिजन्य साक्ष्य से पता चलता है कि श्रद्धा और आफताब का लिव-इन रिलेशन हिंसक था। एडिशनल सेशंस जज मनीषा खुराना कक्कड़ ने आफताब के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर अगली सुनवाई 25 मार्च को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि श्रद्धा प्रैक्टो ऐप के जरिये डॉक्टरों से परामर्श भी ले रही थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में श्रद्धा की काउंसलिंग का वीडियो प्ले करके दिखाया, जिसमें श्रद्धा कह रही है कि आफताब उसको खोज लेगा और मार देगा। इतना ही नहीं, श्रद्धा ने बताया था कि आफताब उसको मारता और गाली देता था। श्रद्धा को मारकर टुकड़ों में काटने की भी धमकी देता था और तो और आफताब ने उसे मारने की भी कोशिश की थी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को फ्रिज और कमरे की अलमारी में श्रद्धा के खून के निशान मिले।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि श्रद्धा के शरीर के अंग अलग-अलग जगहों से बरामद किये गए और उसकी डीएनए रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वे अंग श्रद्धा के ही थे। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आफताब की फ्रिज में आरी, पानी, क्लीनर और अगरबत्ती खरीदने के भी सबूत हैं। आज दिल्ली पुलिस की ओर से दलीलें पूरी हो गई। 25 मार्च को आफताब की ओर से दलीलें रखी जाएंगी।
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने 7 मार्च को कहा था कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या वैसे ही टुकड़े-टुकड़े करके की है, जैसी श्रद्धा ने महाराष्ट्र पुलिस से अपनी शिकायत में कही थी। अमित प्रसाद ने कहा था कि आफताब एक ट्रेंड बावर्ची है और उसे हाड़-मांस को संरक्षित रखने की जानकारी है। उसे विभिन्न प्रकार के चाकू का इस्तेमाल करने की भी विशेषज्ञता है। उसे चाकुओं और औजारों का इस्तेमाल कर उसे साफ करने का अच्छा ज्ञान था। उन्होंने कहा था कि मजबूत परिस्थितिजन्य साक्ष्य से साफ पता चलता है कि आफताब ने ही श्रद्धा की हत्या की है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने 21 फरवरी को इस मामले को ट्रायल के लिए सेशंस कोर्ट भेज दिया था। 7 फरवरी को साकेत कोर्ट ने बहुचर्चित श्रद्धा हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने दस्तावेज परीक्षण के लिए अगली सुनवाई 21 फरवरी को करने का आदेश दिया था। 24 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने 6629 पेजों की चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में करीब सौ गवाहों के अलावा फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर आफताब को एकमात्र आरोपी बनाया गया है।
टिप्पणियाँ