उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल से आपूर्ति में दिक्कत आ रही है। विद्युत विभाग के कर्मचारी कई उप केन्द्रों पर जानबूझ कर फीडर बंद करके भाग गए हैं। ट्यूब वेल में विद्युत आपूर्ति न होने पाने के कारण जल आपूर्ति का भी संकट है। प्रयागराज जनपद के जल संस्थान की विद्युत आपूर्ति बाधित है, जिसकी वजह से आधे शहर में जल आपूर्ति का संकट है। ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि हड़ताल पर जाने वाले संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त की जाएगी और जिन विद्युत कर्मचारियों ने विद्युत बाधित करने के लिए फीडर बंद किया है या अन्य किसी उपकरण को नुकसान पहुंचाया है। वो अगर पाताल में भी छिपा होगा तो उसे ढूंढ कर के दण्डित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हड़ताल को 24 घंटे से अधिक बीत चुके हैं। कर्मचारी संगठनों ने 72 घंटे की हड़ताल की है। हड़ताल के पहले कर्मचारी संगठनों से ऊर्जा मंत्री अरविन्द कमार शर्मा की वार्ता हुई थी मगर सरकार और संगठन के बीच बात तय नहीं हो पाई। इसके बाद कर्मचारी संगठन हड़ताल पर चले गए। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एस्मा लागू किया गया है। जिलाधिकारी को विद्युत बहाल कराने का जिमा दिया गया है। मगर व्यवहारिक दिक्कत यह है कि उप केन्द्रों पर लाइन मैन नदारद हैं।
अधिकतर बिजली के उप केंद्र पर कोई स्टाफ नहीं है। बाहर पुलिस तैनात है। कुछ अभियन्ता बाहर से लाइन मैन को बुलाकर फीडर को चालू करा रहे हैं। इस दौरान जो फाल्ट आ जा रही है। उसे टीक करा पाना भी काफी टेढ़ी खीर है क्योंकि उस एरिया का लाइन मैन हड़ताल पर है, जिस लाइन मैन को बाहर से बुलाया जा रहा है उसको उस क्षेत्र के केबिल और ट्रांसफार्मर आदि की व्यवस्था को समझने में समय लग रहा है। राहत की बात है कि हल्की बारिश हो जाने से मौसम में ज्यादा गर्मी नहीं है। इसलिए विद्युत की डिमांड सामान्य स्तर पर है। गर्मी बढ़ जाने पर ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है। ऐसे में फाल्ट जादा आती है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बातचीत के रास्ते खुले हैं, लेकिन जनता को जानबूझकर कर परेशान करने वालों के साथ सख्ती बरती जाएगी। बिजली आपूर्ति बाधित करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। बिजली के तार, फीडर को नुकसान पहुंचाने का कुछ प्रकरण संज्ञान में आया है, जो कर्मचारी विद्युत प्रवाह को ठप करने में लगे हुए हैं, वो बख्शे नहीं जायेंगे। पुलिस पूरी तरह सक्रिय है। राष्ट्रीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दण्डित होंगे।
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