कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में दिए बयानों की वजह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिए बयानों से काफी लोग मर्माहत हैं। भाजपा काशी क्षेत्र के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक अधिवक्ता शशांक त्रिपाठी ने एसीजेएम प्रथम व एमपी एलएलए कोर्ट के प्रभारी उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में परिवाद दाखिल किया है। अदालत ने सुनवाई के बाद पत्रावली को अगले आदेश तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
न्यायालय में परिवाद को लेकर अधिवक्ता दीपक वर्मा, राजकुमार तिवारी, आनंद कुमार पाठक ने पक्ष रखा। अधिवक्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी का बयान हर भारतीय के हृदय को चोट पहुंचाता है। शशांक शेखर त्रिपाठी ने बताया कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने भारत की अखंडता और संप्रभुता को लेकर विवादित बयान दिया। भारत की एकता पर भी उन्होंने चोट किया। इस मामले को संज्ञान में लेकर मुकदमा पंजीकृत किया जाए।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर दिया था। अपने भाषण के दौरान उन्होंने डेमोक्रेसी, फ्री प्रेस और पेगासस आदि पर अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने अपने व्याख्यान के दौरान आरोप लगाया कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल उनकी और कई अन्य राजनेताओं की जासूसी करने के लिए किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें खुफिया अधिकारियों द्वारा फोन पर बात करते समय “सावधान” रहने की चेतावनी दी गई थी क्योंकि उनकी कॉल लगातार रिकॉर्ड की जा रही थी। यही नहीं उन्होंने चीन की तारीफ भी की थी।
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