अनुसूचित जाति के लिए अटल है आरक्षण’
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

अनुसूचित जाति के लिए अटल है आरक्षण’

‘कन्वर्जन और आरक्षण : न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन आयोग के संदर्भ में।’ इसका आयोजन विश्व संवाद केंद्र, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और पाक्षिक पत्रिका ‘हिंदू विश्व’ ने संयुक्त रूप से किया था

by WEB DESK
Mar 15, 2023, 02:20 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अल्पसंख्यकों को मुफ्त राशन, आवास, शौचालय, गैस, बिजली, नल का पानी आदि कल्याणकारी योजनाओं से भी लाभ मिला है। इसलिए अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण अटल है। किसी दूसरी जाति या नस्ल को आरक्षण सूची में शामिल करने से आरक्षण प्रावधानों के पीछे संवैधानिक भावना कमजोर होगी।

गत दिनों ग्रेटर नोएडा में एक गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसका विषय था- ‘कन्वर्जन और आरक्षण : न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन आयोग के संदर्भ में।’ इसका आयोजन विश्व संवाद केंद्र, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और पाक्षिक पत्रिका ‘हिंदू विश्व’ ने संयुक्त रूप से किया था।

गोष्ठी से पहले विश्व संवाद केंद्र और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने न्यायमूर्ति के. जी. बालकृष्णन आयोग के संदर्भ की शर्तों से जुड़े 17 विषयों का चयन किया। इसके बाद इस पर देशभर के कानूनविदों और शिक्षाविदों से लेख मंगवाए गए। ऐसे 60 लेख मिले, जिन पर गोष्ठी में मंथन हुआ। योजना आयोग के पूर्व सदस्य और राज्यसभा सांसद नरेंद्र जाधव उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे।

1931 की जनगणना के लिए तत्कालीन जनगणना आयुक्त डॉ जे. एच. हटन द्वारा तैयार की गई प्रश्नावली ने सामाजिक पिछड़ेपन के निर्धारण का आधार बनाया था। इसमें कहा गया था कि वे जातियां, जिनके बारे में उच्च जाति के व्यक्ति यह मानते थे कि उनके छूने या पास आने से वे दूषित हो जाएंगे? इसके आधार पर राज्य ने हिंदू समाज में अछूत मानी जाने वाली जातियों की पहचान की।

विश्व हिंदू परिषद् के कार्याध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार तथा पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रो. संजय पासवान वक्ता थे। गोष्ठी में 150 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें पूर्व न्यायाधीश, सेवारत और पूर्व कुलपति, पत्रकार, अधिवक्ता, स्तंभ लेखक और शिक्षाविद शामिल थे। समापन सत्र की अध्यक्षता दलित इंडियन चैम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के संस्थापक मिलिंद कांबले ने की। विहिप के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन और पूर्व न्यायाधीश शिव शंकर राव बुलुसु मुख्य वक्ता थे।

गोष्ठी में सर्वसम्मति से दोहराया गया कि अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण जारी रहेगा। गोष्ठी में यह भी कहा गया कि अनुसूचित जातियों के चयन का आधार सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ापन है। 1931 की जनगणना के लिए तत्कालीन जनगणना आयुक्त डॉ जे. एच. हटन द्वारा तैयार की गई प्रश्नावली ने सामाजिक पिछड़ेपन के निर्धारण का आधार बनाया था। इसमें कहा गया था कि वे जातियां, जिनके बारे में उच्च जाति के व्यक्ति यह मानते थे कि उनके छूने या पास आने से वे दूषित हो जाएंगे? इसके आधार पर राज्य ने हिंदू समाज में अछूत मानी जाने वाली जातियों की पहचान की।

यही वर्गीकरण बाद में अस्पृश्यता को खत्म करने के लिए भारत के संविधान में अनुच्छेद 17 को प्रस्तुत करने का आधार बना। फिर भी, अनुसूचित जातियों के विरुद्ध सामाजिक भेदभाव का अभिशाप विभिन्न रूपों और स्तरों पर जारी है। इसलिए आरक्षण जारी रहना चाहिए और अतीत में अछूत मानी जाने वाली जातियों तक ही सीमित होना चाहिए।

गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि इस्लाम और ईसाई घोषणा करते हैं कि उनमें कोई जाति व्यवस्था नहीं है, इसलिए अस्पृश्यता का कोई अभ्यास नहीं है। इस प्रकार अनुसूचित जाति का एक व्यक्ति जो इस्लाम या ईसाइयत स्वीकार कर लेता है, वह सामाजिक कलंक को पीछे छोड़ देता है और इसलिए उसे अनुसूचित जाति की श्रेणी में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

गोष्ठी में यह भी कहा गया कि वैसे भी पिछड़े मुसलमान और ईसाई राज्यों के संबंधित कोटे में आरक्षण का लाभ उठाते हैं। दूसरे गरीब मुस्लिम और ईसाई ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण के हकदार हैं। वे अल्पसंख्यकों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठाते हैं। उनके संस्थान भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत संरक्षित हैं। अल्पसंख्यकों को मुफ्त राशन, आवास, शौचालय, गैस, बिजली, नल का पानी आदि कल्याणकारी योजनाओं से भी लाभ मिला है। इसलिए अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण अटल है। किसी दूसरी जाति या नस्ल को आरक्षण सूची में शामिल करने से आरक्षण प्रावधानों के पीछे संवैधानिक भावना कमजोर होगी।

Topics: Justice K.G. Balakrishnan CommissionMuslims and Christiansकन्वर्जनIslam and ChristianityConversion‘हिंदू विश्व’हिंदू समाजreservationआरक्षणhindu societyन्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन आयोगमुसलमान और ईसाईइस्लाम और ईसाई
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Kanpur Islamic conversion Kalma

कानपुर के फ्लैट में इस्लामिक धर्मान्तरण का खेल, 5 हिन्दुओं को पढ़ाया जा रहा था कलमा, खुलासा हुआ तो मचा हड़कंप

Christian conversion in Meerut School

मेरठ के स्कूल में धर्मांतरण: बच्चों को कब्रिस्तान ले जाकर कराई प्रार्थना, कहा-जीसस ही तुम्हारे भगवान

संघ की शाखा एक विस्तारित परिवार ही होती है, हर स्वयंसेवक परिजन की तरह एक-दूसरे की और उसके परिवार की चिंता करता है (फाइल चित्र)

संघ शाखा एक विस्तारित परिवार

Manoj Muntashir attack on Anurag kashyap

अनुराग कश्यप के ‘मैं ब्राम्हणों पर पेशाब करूंगा’ बयान पर मनोज मुंतशिर बोले-औकात में रहो

Bangladesh Hindu leader murder

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: हिन्दू नेता भबेश चंद्र राय की घर से अपहरण कर हत्या

Jharkhand 44 christian Adopted sanatan Dharma

घर वापसी: झारखंड में 44 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म, 9 साल पहले हुआ था धर्मान्तरण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies