यूपी एटीएस के वाराणसी यूनिट ने घुसपैठ कराने वाले दो सक्रिय सदस्यों को बलिया से गिरफ्तार किया है। एटीएस की टीम ने रोहिंग्या अरमान उर्फ अबु तल्हा और उसके साथी अब्दुक अमीन को पकड़ा है। अबु तल्हा म्यांमार का निवासी है। दोनों रोहिंग्या हैं और यहां पहचान बदलकर रह रहे थे। यूपी एटीएस ने बताया कि अबु तल्हा के पास से अवैध तरीके से बनवाए गए भारतीय दस्तावेज, पासपोर्ट एवं एक अन्य रोहिंग्या का भारतीय पासपोर्ट एवं आधार कार्ड, विदेशी करेंसी, सऊदी का मोबाइल सिम, आईफोन मोबाइल भारतीय सिम लगा हुआ बरामद किया गया है।
एटीएस अधिकारियों का कहना है कि तल्हा ने बलिया निवासी अपने स्थानीय सहयोगियों की मदद से अपना नाम परिवर्तित कर अवैध तरीके से भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया। जांच एजेंसी के मुताबित आरोपी म्यांमार और बांग्लादेश से रोहिंग्या लोगों को भारत लाते थे। कागजात बनवाकर विदेश भेज दिया करते थे। अब्दुल अमीन के पास से रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए जारी किए गए अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
एटीएस की वाराणसी इकाई के डिप्टी एसपी विपिन राय के नेतृत्व में इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने टीम के साथ जांच की। कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। अबु तल्हा ने कई रोहिंग्या लोगों को भारत में प्रवेश कराया। बाद में उन्हें विदेश भेज दिया। वर्ष 2015 में अबु तल्हा भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के बाद खाड़ी देशों में बीते सात वर्षों से नौकरी कर रहा था। पिछले वर्ष के अक्टूबर महीने में सऊदी अरब से आकर अरब देशों से अर्जित धन से पश्चिम बंगाल में अपनी पहचान छुपाकर अवैध तरीके से प्राप्त भारतीय दस्तावेजों के आधार पर जमीन खरीदकर मकान बनाकर रह रहा था। यह बीच-बीच में जब भी भारत आता था। वह बलिया के सहयोगियों से मिलने आता था। घुसपैठ कर आए रोहिंग्या अब्दुल अमीन के भारतीय दस्तावेज बनवाने के लिए बलिया आया था। जहां से एटीएस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
यूपी एटीएस के अनुसार मोहम्मद अरमान अपने सहयोगियों के माध्यम से भारत-बांग्लादेश एवं भारत म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पार कराए गए रोहिंग्याओं को भारत में छुपने में मदद करता था। अपने सहयोगियों की मदद से अवैध तरीके से भारतीय दस्तावेज बनवाने में मदद भी करता था। एटीएस ने तल्हा से जुड़े अन्य सदस्यों को भी तलाश रही है।
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