लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच को सेना का उप प्रमुख (रणनीति) नियुक्त किया गया है। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार की जगह ली है, जिन्हें इसी माह की शुरुआत में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त किया गया है। इससे पहले जनरल आइच डीजी मिलिट्री इंटेलिजेंस के पद पर कार्यरत थे। उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में इन्फैंट्री बटालियन की कमान संभालने के लिए भी तैनात किया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच ने जून, 1986 में मद्रास रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त किया था। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला तथा भारतीय सेना अकादमी, देहरादून के छात्र रहे हैं। वह स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त हैं एवं उन्होंने रक्षा एवं रणनीतिक अध्ययन में एमफिल की डिग्री भी हासिल की है। सराहनीय सेवा के लिए उन्हें 2021 में अति विशिष्ट सेवा मेडल और तीन बार चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। तत्कालीन राष्ट्रपति कोविंद ने इन्फैंट्री के लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच को अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया था।
जनरल ऑफिसर के पास विभिन्न क्षेत्रों में सेवा का एक समृद्ध और विविध अनुभव है। उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में और कश्मीर में घाटी क्षेत्र के तीव्र आतंकवाद विरोधी माहौल में अपनी बटालियन की कमान संभाली है। उन्होंने वेस्टर्न थिएटर में एक ब्रिगेड की कमान संभाली है, जो स्ट्राइक कोर का हिस्सा है। उन्होंने रेगिस्तानी क्षेत्र में पुनर्गठित आर्मी प्लेन्स इन्फैंट्री डिवीजन (जिसे रैपिड भी कहा जाता है) की कमान भी संभाली है। मरुस्थल में कार्यकाल के बाद जनरल ऑफिसर ने गुलमर्ग स्थित प्रतिष्ठित हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल की कमांडेंट के रूप में कमान संभाली है।
लेफ्टिनेंट जनरल आइच के पास हर तरह के इलाकों और क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलाने का अनुभव है, जिसमें उग्रवाद रोधी, बर्फ से ढके अत्यधिक ऊंचे इलाकों और रेगिस्तानी क्षेत्र शामिल हैं। लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार ऐच को अक्टूबर, 21 में पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी के पास सुकना स्थित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिशक्ति कोर की कमान संभाली थी। उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में तैनात एक पैदल सेना बटालियन की कमान संभाली थी और गुलमर्ग में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल के कमांडेंट थे। लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच ने नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के 33वें महानिदेशक भी रह चुके हैं।
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