उत्तर प्रदेश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से सभी जनपदों में दिशा-निर्देश भेज दिया गया है। सभी जनपदों के जिला अस्पतालों में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाये जाने के लिए कहा गया है। उत्तर प्रदेश में फिलहाल 13 लैब को नामित किया गया है, जहां पर एच3 एन2 इन्फ्लूएंजा की जांच की जायेगी।
इन्फ्लूएंजा के लक्षणों के साथ अगर तेज बुखार है तो संक्रमित रोग को घर में ही आइसोलेट रहने की सलाह दी जा रही है। दवा, डॉक्टर की सलाह पर लेना होगा। जांच कराने की आवश्यकता तभी होगी जब गंभीर लक्षण होंगे। अन्य बीमारयों से ग्रसित बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, कैंसर, एड्स, डायबिटीज, फेफड़े, हृदय, लीवर एवं किडनी रोगियों को भी घर में ही अलग कमरे में आइसोलेट होने की सलाह दी गई है। इन लोगों को जाच कराने की आवश्यकता नहीं है।
अति गंभीर रोगी जिनको सांस फूल फूलने की शिकायत हो, इसके साथ ही सीने में दर्द, लो ब्लड प्रेशर और बलगम के साथ-साथ खून आ रहा हो। नाखून नीला पड़ रहा हो। ऐसे रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। ओसेल्टामिविर दवा दी जाएगी और सैंपल जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। डॉक्टर के निगरानी में उपचार किया जायेगा। एन3एच2 इन्फ्लूएंजा की जांच के लिए सैम्पल, प्रदेश के लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई व केजीएमयू, वाराणसी में बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, इटावा के राजकीय उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज, मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के आईसीएमआर के रीजनल रिसर्च सेंटर, गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज,अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायबरेली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एवं नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जांच के लिए भेजे जाएंगे।
एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से संक्रमितों के इलाज में डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों, लैब के कर्मियों व विशेषज्ञों को सीजनल इन्फ्लूएंजा का टीका लगाया जाएगा। एंबुलेंस चालकों, गर्भवती महलाओं व गंभीर रोगियों को भी टीका लगाया जाएगा। एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से पीड़ित रोगियों को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। ट्रिपल लेयर व एन-95 मास्क लगाना होगा।
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