जासूसी कांड में आप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फीडबैक यूनिट की तरफ से नेताओं की जासूसी कराए जाने के आरोपों पर कांग्रेस पार्टी एनआईए से जांच कराना चाहती है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, पूर्व मंत्री मंगतराम और किरण वालिया ने एलजी वीके सक्सेना से यूएपीए के तहत एनआईए से जांच कराने की मांग की है। जिसपर एलजी ने इसे मुख्य सचिव के पास भेजा है, साथ ही कड़ा एक्शन लेना का निर्देश भी दिया है।
दिल्ली स्थित एलजी ऑफिस से मंगलवार को जानकारी दी गई है, कि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, पूर्व मंत्री मंगतराम, प्रोफेसर किरण वालिया द्वारा जासूसी की जांच यूएपीए के तहत एनआई से करवाने की मांग की गई थी। जिसके बाद उपराज्यपाल सचिवालय मुख्य सचिव ने जीएनसीटीडी को मामले में जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अब आपको बतातें हैं, कि क्या है पूरा मामला दरअसल, 2015 में दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। तब अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता संभालने मैदान में उतरे और मुख्यमंत्री बने थे । तब दिल्ली सरकार ने एक फीडबैक यूनिट यानि एफबीयू बनाई थी। इस फीडबैक यूनिट का काम संस्थानों, विभागों, स्वतंत्र संस्थानों की देख-रेख करना था, और जिस तरह से उन संस्थानों में काम होता है, उसका प्रभावी फीडबैक देना इस यूनिट का काम था, जिसके आधार पर जरूरी सुधार किए जा सके, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया है, कि दिल्ली सरकार के निर्देश पर इस फीडबैक यूनिट ने विपक्षी दलों के नेताओं की जासूसी की है। तथा कई नेताओं के कामकाज पर नजर भी रखी गई है।
वहीं, आरोपों को आम आदमी पार्टी ने सरे से नकार दिया है, आप ने इसे झूठ का पुलिंदा बताया है।
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