किशनगंज जिले के कोचाधामन थाना क्षेत्र में मस्तान चौक के समीप स्थित शिव मंदिर अचानक जलने लगा। देखते ही देखते पूरा मंदिर और कुछ दुकानें जल गईं। इसके बाद अनेक तरह की बातें सुनी और सुनाई जा रही हैं।
बिहार का एक मात्र मुस्लिम—बहुल जिला है किशनगंज। बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों से पूरी तरह प्रभावित इस जिले में आए दिन हिंदुओं के साथ ऐसी घटनाएं होने लगी हैं, जो इस सीमावर्ती जिले के लिए ठीक नहीं हैं। एक ऐसी ही घटना 12 मार्च को हुई है। 12 मार्च की सुबह कोचाधामन के मस्तान चौक के पास स्थित शिव मंदिर और कुछ दुकानें जलकर राख हो गईं। इसके बाद से वहां अनेक तरह की बातें की जा रही हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने इस घटना को एक साजिश करार देते हुए इसकी निंदा की है। घटना के बाद बजरंग दल के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुनील सिंह के नेतृत्व में लोगों ने किशनगंज-बहादुरगंज मुख्य मार्ग को घंटों तक जाम किया। प्रशासन के आश्वासन के बाद जाम हटा।
वहीं आम हिंदुओं का कहना है कि शिव मंदिर को एक साजिश के तहत जलाया गया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि यह केवल एक दुर्घटना है। किशनगंज के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति मेें कहा गया है, ”मस्तान चौक पर दुर्घटनावश आग लग गई। सूचना मिलते ही अग्निशमन वाहन के सहयोग से उस पर काबू पा लिया गया। संबंधित पीड़ित पक्ष को मुआवजा हेतु प्रस्ताव उचित माध्यम से भेजा जा रहा है तथा प्रभावित मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए प्रशासन एवं स्थानीय लोगों की भागीदारी से कार्य कराया जा रहा है।”
लेकिन प्रशासन के इस तर्क से वहां के हिंदू संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रशासन जानबूझकर इस मामले को दबा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं हिंदू मंदिरों के साथ ही क्यों होती हैं! बता दें कि गत वर्ष जुलाई महीने में भी सदर थाना क्षेत्र के मारवाड़ी कॉलेज रोड के लहरा चौक के समीप काली मंदिर में काली माता की प्रतिमा खंडित कर दी गई थी। मंदिर का घंटा भी गायब हो गया था। इस घटना के लिए प्रशासन ने एक पागल को जिम्मेदार माना था, लेकिन स्थानीय लोगों का कुछ और ही कहना था। यानी हिंदुओं को प्रशासन की बातों पर भरोसा नहीं है। यही कारण है कि कोचाधामन की घटना को लेकर भी हिंदुओं में रोष है। विश्व हिंदू परिषद के जिला सह मंत्री संजय सिंह इसे प्रशासन का गैर—जिम्मेदाराना रवैया बताते हैं। उनका कहना है कि आजतक जिले के किसी मजहबी स्थल को किसी पागल ने नुकसान क्यों नहीं पहुंचाया! उन्होंने यह भी कहा कि शॉर्ट सर्किट से आग सिर्फ हिंदू मंदिर में ही क्यों लगती है?
उल्लेखनीय है कि यह मंदिर कोचाधामन में 30 वर्ष से अधिक समय से है। पहले यह मंदिर टाट—पट्टी से बना था। श्रद्धालुओं के सहयोग से अब वहां पक्का मंदिर बन गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि मंदिर के बढ़ते स्वरूप से कुछ तत्व नाराज थे। इसलिए हिंदुओं का आरोप है कि यह काम उन्हीं तत्वों का है। हालांकि प्रशासन ने किसी साजिश को नकारा है। लोगों का यह भी कहना है कि हिंदुओं के साथ घटी किसी घटना पर प्रशासन तुरंत बयान जारी करता है और किसी षड्यंत्र की बात को नकारता है। हिंदुओं का यह भी कहना है कि इन घटनाओं की ईमानदारी से जांच होनी चाहिए।
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