बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद सहित परिवार के खिलाफ सीबीआई और ईडी एजेंसी की कार्रवाई को लेकर हमलावर हो गए हैं। अररिया सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद और उसके परिवार के खिलाफ छापेमारी से सबसे अधिक कोई खुश है तो वह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। उन्होंने कहा कि छापेमारी के कारण राजद का जो दबाब था कि नीतीश कुमार बिहार की सत्ता तेजस्वी को सौंप केन्द्र की राजनीति में चला जाय,वह समाप्त हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि तेजस्वी प्रसाद जेल चला जाय। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि सीबीआई और ईडी की न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आए। तेजस्वी प्रसाद के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की हो रही कार्रवाई के लिए नीतीश कुमार और ललन सिंह जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि आज के समय में लालू प्रसाद सबसे बड़े जमींदार हैं। उनके पास 121 बीघा जमीन है। पहले के कर्म का फल अब उनको और उनके परिवार को मिल रहा है और वे सहानुभूति का कार्ड खेलना चाहते हैं।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी प्रसाद की पत्नी से पूछताछ को लेकर कहा कि तेजस्वी की पत्नी से ना तो कोई पूछताछ की है और ना ही उन्हें टॉर्चर किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है कि आरोपी की गर्भवती पत्नी या महिला के रहने पर एजेंसी कोई कार्रवाई नहीं की कर सकती। रेलवे के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी हृदयानंद चौधरी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हृदयानंद चौधरी ने नौकरी के लिए अपनी कीमती जमीन लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम गिफ्ट कर दी थी। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद का रेल मंत्री तो काल में नारा था कि तुम मुझे जमीन दो मैं तुम्हें नौकरी दूंगा।
सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुशील मोदी ने नीतीश कुमार की ओर से कार्रवाई को लेकर दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार सियासत के महीन खिलाड़ी हैं।उनका कहना है कि 2017 के बाद धीमी कार्रवाई क्यों हो रही है।जांच में तेजी क्यों नहीं लाई जा रही।विपक्षियों की ओर से लोकतंत्र के खतरे में होने के बावत उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है।जिसके कारण सभी विपक्षी तिलमिलाये हुए है,इस कारण सभी लोकतंत्र के खतरे का बेसुरा अलाप कर रहे हैं।
टिप्पणियाँ