काठमांडू। नेपाल के राष्ट्रपति चुनाव में नेपाली कांग्रेस के प्रत्याशी रामचंद्र पौडेल चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने दो तिहाई से अधिक वोट पाकर सीपीएन-यूएमएल के नेता सुभाष चंद्र नेमबांग को पराजित किया। वे नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति बनेंगे।
नेपाल में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए गुरुवार को सुबह दस बजे से अपराह्न तीन बजे तक वोट डाले गए। कुल 52,628 मतों में से चुनाव जीतने के लिए 26,315 मतों की जरूरत थी। नेपाली कांग्रेस के प्रत्याशी पौडेल ने 33,802 वोट प्राप्त किये। उनके प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेमबांग को 15,518 वोट मिले। इस तरह कुल मतदान में से दो तिहाई से अधिक वोट पाकर नेपाली कांग्रेस प्रत्याशी राम चंद्र पौडेल को विजयी घोषित किया गया।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान राजधानी काठमांडू स्थित संसद के ल्होत्से हॉल में हुआ था। चुनाव आयोग ने मतदान के लिए दो अलग पोलिंग बूथ बनाए थे, इनमें से एक पोलिंग बूथ पर संसद सदस्यों ने मतदान किया और दूसरे पोलिंग बूथ में प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों ने वोट डाला। सभी विधानसभाओं के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए राजधानी काठमांडू पहुंचे थे। वैसे विजेता रहे नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल का पलड़ा पहले से ही भारी माना जा रहा था। पौडेल को प्रधानमंत्री प्रचंड की पार्टी सहित आठ पार्टियों का समर्थन प्राप्त था।
60 साल की राजनीतिक यात्रा में 10 साल से ज्यादा जेल में रहे
नेपाल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल अपने राजनीतिक जीवन में 15 बार गिरफ्तार हुए। उन्होंने 10 साल से अधिक समय जेल में बिताया है। रामचंद्र पौडेल का जन्म वर्ष 1944 में पश्चिमी नेपाल में पोखरा के पास एक पर्यटन जिले मिरलुंग, बहुन पोखरा, तनहुं में हुआ था। उनके पिता दुर्गा प्रसाद पौडेल और माता ऋषिमाया पौडेल कृषि पर निर्भर थे। उनके परिवार में शिक्षा को महत्व दिया जाता था, इसलिए कम उम्र से ही पौडेल को सीखने और लिखने का माहौल मिल गया। पौडेल संस्कृति साहित्य में शास्त्री हैं और नेपाली साहित्य में एमए कर चुके हैं। वह 14 साल की उम्र में छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। स्वतंत्र पंचायत के आधे समय तक वे छात्र राजनीति में शामिल रहे और कई बार जेल गए। नेपाली कांग्रेस की राजनीति में एक लंबा समय बिताने के बाद वे तनहुं जिले के सदस्य बने और केंद्र में कार्यवाहक अध्यक्ष भी बने।
पौडेल को अपने राजनीतिक जीवन में कांग्रेस सभापति और प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला। हालांकि, वे दोनों मौकों पर विफल रहे। वर्ष 2011 में प्रधानमंत्री पद के लिए डॉ. बाबूराम भट्टराई 17 बार संसद में चुनाव लड़े, लेकिन 16 बार फैसला नहीं हो सका। दोनों उम्मीदवारों के बीच हुए मुकाबले में पौडेल को भट्टाराई ने 17वीं बार में हराया था। वर्ष 2016 में कांग्रेस सभापति की दौड़ में उन्हें शेर बहादुर देउबा ने हरा दिया था। पौडेल ने राजनीति में आने के बाद दुखद क्षणों का अनुभव किया। वह अविचलित रहे, लेकिन खुद को राजनीति के लिए समर्पित कर दिया। उन्हें राजनीतिक जीवन में 15 बार गिरफ्तार किया गया। उन्होंने अपने जीवन के 10 साल से अधिक समय जेल में बिताया। बहुदलीय प्रणाली की शुरुआत के बाद पौडेल पांच बार सांसद चुने गए। पौडेल के पास स्पीकर, उपप्रधानमंत्री, मंत्री होने का अनुभव है।
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