चीन के कथित जासूसी करने वाले छोटे वीडियो वाले टिकटॉक एप पर अब डेनमार्क में भी रोक लगा दी गई है। नाटो गुट के सदस्य डेनमार्क का रक्षा मंत्रालय भी अब इसे सुरक्षा के लिए खतरनाक बता रहा है। उल्लेखनीय है कि चीन के टिकटॉक एप पर अमेरिका की कड़ी कार्रवाई के बाद से कई देश इस एप को अपने यहां वर्जित कर चुके हैं। अभी पिछले दिनों कनाडा में भी इस एप को सरकारी उपकरणों से डिलीट किया गया था।
डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, टिकटॉक एप को सभी सरकारी कर्मचारियों के फोन पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। किसी के फोन में अब टिकटॉक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय द्वारा यह कदम साइबर सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है। वहां की सरकार की ओर से इस एप के इस्तेमाल से सुरक्षा तथा डाटा की गोपनीयता के बारे में चिंता व्यक्त की गई है।
नाटो से जुड़े डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोई सरकारी कर्मी सेवा में प्रयुक्त होने वाले फोन तथा अन्य सरकारी उपकरणों पर टिकटॉक का इस्तेमाल न करें, अगर किसी ने इसे अपने फोन आदि में रखा हुआ है तो फौरन हटा दे। अपने अधिकृत बयान के जरिए मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि डेनमार्क के साइबर सुरक्षा विभाग ने पाया है कि डाउनलोड करने के बाद ये एप फोन में दर्ज चीजों तक पहुंच के अधिकार मांगता है, इससे इस एप के जरिए जासूसी का खतरा है। उल्लेखनीय है कि गत माह ही डेनमार्क की संसद ने सांसदों तथा कर्मचारियों की ‘जासूसी के खतरे’ का उल्लेख करते हुए साइबर सुरक्षा की खातिर सरकारी फोन पर टिकटॉक न रखने की अपील की थी।
भारत ने तो जून 2020 में ही टिकटॉक सहित करीब 300 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया था। उन दिनों गलवान में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण की कोशिश का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। देशवासियों में चीन के प्रति जबरदस्त आक्रोश था इसलिए भारत सरकार की चीनी एप्स को निकाल बाहर करने की अपील का जादुई असर देखने में आया था।
जैसा पहले बताया, पहले अमेरिका ने अपने यहां सभी सरकारी उपकरणों से टिकटॉक हटाने की कार्रवाई की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में अमेरिकी सीनेट ने इस विषय पर एक बिल पारित किया था। इस बिल के जरिए सरकारी कर्मचारियों तथा सरकारी उपकरणों में टिकटॉक का प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाने को कहा गया था।
दुनियाभर में अब इस टिकटॉक एप को लेकर एक जागरूकता आ रही है। ये और ऐसे कई अन्य चीनी एप फोन में डाउनलोड करने के बाद फोन की तमाम जानकारियों तक पहुंच बना लेते हैं। इससे फोन रखने वाले और उससे जुड़ी सभी बातें लीक होने का खतरा रहता है। लेकिन नौजवानों में इस वीडियो साझा करने वाले चीनी एप को लेकर ऐसी दीवानगी है कि वे ‘जासूसी’ या ‘गोपनीयता’ भंग होने से हो सकने वाले खतरों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।
भारत ने तो जून 2020 में ही टिकटॉक सहित करीब 300 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया था। उन दिनों गलवान में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण की कोशिश का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। देशवासियों में चीन के प्रति जबरदस्त आक्रोश था इसलिए भारत सरकार की चीनी एप्स को निकाल बाहर करने की अपील का जादुई असर देखने में आया था। यहां तक कि भारत के नौजवान भी इस बात से फौरन सहमत हो गए थे।
टिप्पणियाँ