उत्तराखंड में अवैध कब्जों की सफाई के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को जिम्मेदारी सौंप दी है। जिसके बाद रतूड़ी ने सभी जिलों में सरकारी जमीनों को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराने के लिए टास्क फोर्स बना दी है, जिसका प्रमुख जिलाधिकारी को बनाया गया है।
उत्तराखंड के 65 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र में जंगल है, शेष 35 फीसदी इलाके में शहर, गांव, कस्बे, सड़क, नहर आदि हैं। इन 35 प्रतिशत क्षेत्र की जमीन में अवैध कब्जों की भरमार हो गई है। खास तौर पर यूपी से लगे मैदानी जिलों में पिछले 20 सालों में नदी किनारे, वन भूमि पर, राजस्व की जमीनों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। इन कब्जों को खाली कराने का कोई बड़ा अभियान अब तक नहीं चलाया गया। नतीजा ये हुआ है कि यहां जनसंख्या असंतुलन का खतरा पैदा हो गया है।
अवैध रूप से सिंचाई, जल विद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में बाहर से लोग यहां आकर बस गए हैं और सरकार की बेशकीमती जमीनों पर कब्जे कर लिए गए हैं। इसका उदाहरण हिमाचल से लगी आसन बैराज शक्ति नहर से विकास नगर क्षेत्र में देखा जा सकता है, यहां जल विद्युत निगम ने 900 से ज्यादा भवनों का अतिक्रमण चिन्हित करके निशान लगाए और उन्हें नोटिस भी दिया है।
पिछली कैबिनेट की बैठक में सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने उनका विनियमितकरण करने पर भी चर्चा हुई और सीएम की अध्यक्षता में एक उप समिति बनाए जाने पर निर्णय लिया गया। इसके बाद सीएम धामी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को सभी जिलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को खाली करवाने और ऐसी जमीन का लेखा जोखा एकत्र करने के लिए निर्देशित किया। अपर मुख्य सचिव रतूड़ी ने हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बना दी है, जिसमें वन विभाग, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। यह टास्क फोर्स सभी अतिक्रमण के विषय में जानकारी एकत्र कर उसका निस्तारण करेगी।
माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार इस महीने से अतिक्रमण को हटाने का बड़ा अभियान शुरू करेगी। सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि सरकार अपनी योजनाओं के लिए जमीनों को चिन्हित कर रही है। जमीन देखकर उसका सही उपयोग किया जा सकेगा। ये भी जानकारी में आया है कि उत्तराखंड की बीजेपी सरकार बढ़ रहे जनसंख्या असंतुलन या कहें बढ़ती मुस्लिम आबादी पर भी नजर रखे हुए है, यहां मुस्लिम आबादी के बड़े हिस्से ने ही सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किए हुए हैं।
टिप्पणियाँ