झारखंड सरकार को कौन चला रहा है अब यह कहना काफी मुश्किल होता जा रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मुख्य सचिव सह गृह विभाग के मुख्य सचिव राजीव अरुण एक्का पर प्रवर्तन निदेशालय के अभियुक्त विशाल चौधरी के निजी कार्यालय में सरकारी फाइलों का निपटारा करने का आरोप लगा है। इसके बाद एक्का का तबादला पंचायती राज विभाग में कर दिया गया है, वहीं विपक्ष का कहना है कि एक्का का तबादला कोई सजा नहीं है। इसलिए उन्हें निलंबित कर सीबीआई जांच बैठानी चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने 5 मार्च को राजीव अरुण एक्का से जुड़ा 22 सेकंड का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक्का प्रवर्तन निदेशालय के अभियुक्त विशाल चौधरी के अरगोड़ा चौक स्थित निजी कार्यालय में सरकारी फाइलों का निपटारा कर रहे हैं। उनके बगल में एक महिला खड़ी है। उस महिला के बारे में बताया जा रहा है कि वह विशाल चौधरी की कर्मचारी है। इसी वीडियो में उस महिला से किसी ने पैसे आने के बारे में पूछा जिसका जवाब महिला ने ना में दिया। बताया जा रहा है कि यह आवाज विशाल की ही है। इसी दौरान महिला द्वारा पैसे नहीं आने की जानकारी देने पर विशाल चौधरी किसी को फोन लगाकर पैसे के बारे में पूछ रहा है।
मुख्यमंत्री अगर कार्रवाई नहीं करेंगे तो ऊपर की एजेंसियां अपना काम करेगी।
तब मुख्यमंत्री जी को भी जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता: @yourBabulal जी pic.twitter.com/1ao2xQSqwk
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) March 5, 2023
इसे लेकर बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव, गृह कार्य और आपदा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का काम एक दलाल के घर निपटाया जा रहा है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि अगर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो राजीव अरुण एक्का और विशाल चौधरी के साथ-साथ कई दलाल, भ्रष्ट अधिकारी और सत्ता में बैठे लोग सामने आ जायेंगे। बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि कभी मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों के सरकारी हथियार उनके दलाल प्रेम प्रकाश के घर मिलते हैं, तो कभी खुद एक मुख्य सचिव के पद पर बैठा आदमी एक दलाल के घर सरकारी फाइलों का निपटारा करते हैं। जैसा कि सभी को पता है कि राज्य की जेलों में कई खूंखार आतंकवादी, उग्रवादी और अपराधी बंद हैं। ऐसे में इतने बड़े पद पर बैठा व्यक्ति किसी दलाल के कार्यालय में सरकारी कागजों पर हस्ताक्षर करता हो तो राज्य और जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े होंगे ही। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एक्का के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
इस पूरी घटना को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन भी मिला और एक्का के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास ने भी कहा है कि झारखंड में हेमंत सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है। पूरी सरकारी व्यवस्था कमीशनखोरी और अवैध वसूली में लगी हुई है। जब मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि को पकड़े जाने के बाद भी नहीं हटाया गया ऐसे में इनसे किसी भी कार्रवाई की उम्मीद करना बेकार है ।
झारखंड में है हिम्मतवाली सरकार!
भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हेमंत सरकार के रोज नए कारनामे सामने आ रहे हैं।
पूरी सरकारी मशीनरी सिंडिकेट, कमीशनखोरी और अवैध वसूली में लगी हुई है।
मुख्यमंत्री ने विधायक प्रतिनिधि को पकड़े जाने के बाद भी नहीं हटाया। अब इनसे कार्रवाई की उम्मीद बेकार है। https://t.co/FdU7pBLpLD
— Raghubar Das (@dasraghubar) March 5, 2023
इस पूरे प्रकरण पर एक्का की ओर से कहा गया है कि उनके 30 वर्ष का सफ़र बेदाग रहा है। बाबूलाल के द्वारा लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। राजीव ने कहा कि उन्होंने किसी को लाभ नहीं पहुंचाया है। उनके पास गृह विभाग की जिम्मेदारी थी लेकिन तबादला उनके हाथ में नहीं था। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकारा है कि उनकी दोस्ती विशाल चौधरी से जरूर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह उन्हें लाभ पहुंचा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह किसी सरकारी कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे वह सिर्फ अपने परिचित के साथ बैठे हुए थे और सलाह दे रहे थे।
हालांकि अब पूरे प्रदेश में यह भी चर्चा है कि अगर राजीव इतने ईमानदार थे तो सरकार ने उन पर कार्रवाई क्यों की? इधर राजीव के अनुसार वे विशाल चौधरी के मित्र हैं और यह उनका निजी मामला है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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