यूपी के एटा जिले में रानी अवंती बाई मेडिकल कॉलेज में एक ही सिरिंज से कई बच्चों को इंजेक्शन लगाए जाने के मामले को योगी सरकार ने गंभीरता से लिया है। शिकायत पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कॉलेज प्राचार्य से रिपोर्ट तलब की है। डिप्टी सीएम ने कहा है कि जांच में कॉलेज स्टाफ का दोष मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया है कि एटा शहर के रहने वाले एक परिवार की बच्ची को पीलिया के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बच्ची की मां का आरोप है कि एमसीएच विंग में तैनात स्टाफ ने बच्चा वार्ड में भर्ती एचआईवी संक्रमित बच्ची को जिस निडिल से इंजेक्शन लगाया गया, कथित रूप से उसी निडिल से उसकी बेटी सहित अन्य बच्चों को भी इंजेक्शन लगा दिए। इसकी शिकायत परिवार ने संपूर्ण समाधान दिवस में की तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन टेंशन में आ गया। इसके बाद वार्ड में भर्ती अन्य बीमरियों से ग्रसित चार बच्चों को एचआईवी से बचाव के लिए प्रीकॉशन डोज देकर इलाज शुरू कर दिया गया।
एक बच्ची के परिवार ने शासन को ट्वीट कर मामले की जानकारी दी है। मामले को गंभीरता से लेकर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कॉलेज के प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है। डिप्टी सीएम ने कहा अगर शिकायत सही मिली तो दोषियों के खिलाफ कठोर एक्शन लिया जाएगा। वहीं, इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ नवनीत सिंह ने मीडिया को बताया है कि वार्ड में भर्ती एक बच्ची एचआईवी की ग्रसित मिली है। दूसरी बच्ची की मां ने जिस तरह इस्तेमाल इंजेक्शन बेटी को लगाने की बात कही है, वैसे नहीं हुआ है। महिला डर गई है। अभी मामले की जांच चल रही है।
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