इंग्लैंड से एक हैरान करने वाली खबर आई है। वहां एक बच्चे के हाथ कुरान फिसलकर गिर गई। बस इसी बात पर इस्लामी कट्टरपंथी उस 14 साल के बच्चे के खून के प्यासे होकर उसे मार डालने के मौके तलाश रहे हैं। हालांकि उस बच्चे की मां ने इस ‘गलती’ के लिए माफी तक मांग ली है लेकिन इसके बावजूद बच्चे को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
पता चला है कि अभी पिछले दिनों इंग्लैंड में वेस्ट यॉर्कशायर के वेकफील्ड स्थित कैटलथॉर्प हाईस्कूल में कक्षा 10 के छात्र वीडियो गेम खेल रहे थे। इस खेल में हारने वाली टीम को हर्जाने के रूप में अगले दिन कुरान लेकर स्कूल आने को कहा गया। अगले दिन एक 14 साल का छात्र कुरान लेकर स्कूल तो पहुंचा, लेकिन वह गलती से हाथ छिटक कर गिर गई और कुछ पन्ने मुड़ गए। बस फिर क्या था, इसे ‘इस्लाम की तौहीन’ और ‘ईशनिंदा’ बताते हुए मजहबी उन्मादी उस बच्चे के खून के प्यासे हो गए हैं। उस बच्चे को लगातार हत्या की धमकियां मिल रही हैं।इस घटना की जानकारी मिलने के बाद स्कूल ने भी कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों का पक्ष लेते हुए 4 छात्रों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। स्कूल से निकाले गए इन चार में से एक छात्र को अब उन्मादी तत्व मौत के घाट उतारने की धमकियां दे रहे हैं। उस डरे-सहमे बच्चे की मां ने इस घटना की जानकारी दी।
स्कूल में हुई इस घटना पर वेस्ट यॉर्कशायर की पुलिस ने कहा है कि इस मामले को बेवजह तूल नहीं दिया जाना चाहिए था, लेकिन जिस तरह की चीजें देखने में आ रही हैं ये गंभीर चिंता पैदा करती हैं। इतना ही नहीं, कुछ स्थानीय रसूखदारों और मजहबी उन्मादियों ने घटना के बारे में तमाम तरह के झूठ फैलाने शुरू कर दिए। बताया गया है कि मुसलमान छात्रों के माता—पिता और इलाके के कट्टर इस्लामवादियों ने अफवाहें उड़ाई हैं कि ‘कुरान जलाई गई’। इससे और स्थितियां बेकाबू होने लगीं। यह भी सुनने में आया है कि वहां की मस्जिद में इस घटना को और किस तरह भड़काना है, इस पर मुसलमानों ने रणनीति पर चर्चा की।
14 साल का छात्र कुरान लेकर स्कूल तो पहुंचा, लेकिन वह गलती से हाथ छिटक कर गिर गई और कुछ पन्ने मुड़ गए। बस फिर क्या था, इसे ‘इस्लाम की तौहीन’ और ‘ईशनिंदा’ बताते हुए मजहबी उन्मादी उस बच्चे के खून के प्यासे हो गए हैं। उस बच्चे को लगातार हत्या की धमकियां मिल रही हैं।
बेशक, स्कूल के अन्य छात्रों के माता—पिता इस घटना से भयभीत हैं और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं। इधर सोशल मीडिया पर उस 14 साल के छात्र की दुखी मां का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह मजहबी उन्मादियों से जो हुआ उसके लिए माफी मांग रही है। स्थानीय जामा मस्जिद में एक मौलाना के सामने स्कूल के प्रधानाध्यापक ट्यूडोर ग्रिफिथ्स के साथ बैठी वह मां अपने बेटे को जान से मारने की धमकियों को लेकर कह रही है कि उसका बेटा बेकसूर है। वह तो बस 14 साल का ही है, उससे जो हुआ है उसके पीछे कोई गलत इरादा नहीं था। मां का कहना है कि उनके बेटे को भी इस चीज का दुख है और वह भी माफी मांगता है।
वायरल वीडियो में उस छात्र की मां बोल रही है कि बेटे को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। कहा जा रहा है कि अगर वह स्कूल आया तो उसे पीटा जाएगा। इस घटना की जांच में जुटी पुलिस के अनुसार, गिरने से कुरान को मामूली सा नुकसान पहुंचा है। यह मामला किसी जुर्म का नहीं है, बल्कि यह बच्चों की शरारत का है।
हैरानी की बात यह भी है कि स्कूल के प्रधानाध्यापक इस घटना को दुर्भावनापूर्ण नहीं मानते, वे नहीं मानते कि कुरान के साथ कोई बेअदबी हुई है। तो फिर चार छात्रों को स्कूल से क्यों निकाला गया है? इस सवाल पर उनका कहना है कि उन छात्रों ने कुरान को ठीक से नहीं संभाला और वह गिर गई। कुरान जैसी किताब को पूरी इज्जत के साथ संभालना चाहिए था। प्रधानाध्यापक का यह कहना किसी समझदार इंसान के गले नहीं उतर रहा है। एक तरफ वे इस छात्रों की गलती नहीं मान रहे, दूसरी तरफ उन्हें स्कूल से निकाले जाने को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।
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