दीवालिया होने की कगार पर पहुंचे पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान के वित्त मंत्री अपने एक बयान से दुनिया भर में हंसी के पात्र बन रहे हैं। वे कहते हैं कि ‘पाकिस्तान में सब कुछ ठीक है, बस पाकिस्तान विरोधी तत्व’ ही अफवाहें फैला रहे हैं’। इस्लामी देश के वित्त मंत्री की मानें तो दुनिया के वित्तीय संस्थान और अंतरराष्ट्रीय बैंक झूठे हैं, बस उनकी पार्टी और वे खुद बहुत सच्चे हैं।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का ये दावा बेशक पाकिस्तानी नेताओं के दिमागी स्तर के डगमगाने की भनक दे रहा है। कल—कारखाने बंद, खाने के लाले, आतंकियों का बढ़ता प्रकोप और आसमान छूती महंगाई के बीच ऐसा बयान बताता है कि पाकिस्तानी हुक्मरान दुनिया को ‘सब ठीक है’ के झांसे में रखने की असफल कोशिश कर रहे हैं।

एक एक दिन करके बदतर होते जा रहे हैं पाकिस्तान के आर्थिक हालात चीख—चीखकर दुनिया को बता रहे हैं कि सरकार कंगाल है, उसके पास विदेशी मुद्रा के नाम पर गिनती के डालर बचे हैं। रिकार्डतोड़ महंगाई और 31.5 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुकी मुद्रास्फीति ने आम आदमी के लिए दो वक्त का खाना दूर की कौड़ी बना दिया है। लाखों गरीब भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। इस बीच पाकिस्तान के वित्त मंत्री इन गरीबों का मजाक उड़ाते हुए इसे ‘बस पाकिस्तान विरोधी तत्वों की अफवाह’ कहकर अपना दामन साफ दिखाने की बेकार की कोशिश ही कर रहे हैं।
पाकिस्तानी वित्त मंत्री न महंगाई पर, न मुद्रास्फीति पर कुछ बोले। उनका ये ‘दावा’ ऐसे वक्त पर आया है जब कल ही अंतर बैंक बाजार में पाकिस्तान का रुपया डॉलर के मुकाबले 18.74 रुपये लुढ़का है। डार ने ये नहीं बताया कि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझते हुए नकदी की तंगी झेल रहा है। वहां पर पेट्रोल, डीजल ही नहीं, सब्जी, दूध तथा अन्य खाद्य पदार्थ आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चले हैं।
वित्त मंत्री इशाक डार ने कल के अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘पाकिस्तान दीवालिया नहीं हो रहा है। पाकिस्तान विरोधी तत्व नफरत के चलते अफवाहें फैला रहे हैं कि पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट हो सकता है। यह न सिर्फ कोरा झूठ है बल्कि तथ्यों को झुठलाने वाला है। एसबीपी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है। वक्त पर बाहर के सब भुगतान करने के बाद भी चार हफ्ते पहले के मुकाबले यह लगभग एक बिलियन डॉलर ज्यादा है’।
डार ने इसके आगे यह भी दावा किया कि विदेश के व्यापारिक बैंकों ने पाकिस्तान में सहूलियतें देनी शुरू कर दी हैं। आईएमएफ के साथ हमारी बात खत्म होने वाली है और अगले हफ्ते हमें आईएमएफ के साथ करार पर दस्तखत होने की उम्मीद है। सभी आर्थिक संकेत धीरे-धीरे सही तरफ जाते दिख रहे हैं।
लेकिन पाकिस्तानी वित्त मंत्री न महंगाई पर, न मुद्रास्फीति पर कुछ बोले। उनका ये ‘दावा’ ऐसे वक्त पर आया है जब कल ही अंतर बैंक बाजार में पाकिस्तान का रुपया डॉलर के मुकाबले 18.74 रुपये लुढ़का है। डार ने ये नहीं बताया कि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझते हुए नकदी की तंगी झेल रहा है। वहां पर पेट्रोल, डीजल ही नहीं, सब्जी, दूध तथा अन्य खाद्य पदार्थ आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चले हैं।
टिप्पणियाँ