JNU प्रशासन ने अभाविप के त्वरित एवं कड़े विरोध के बाद तुगलकी अनुशाशनात्मक दिशानिर्देश वापस ले लिया है। अभाविप इस इस छात्र विरोधी नोटिस के आते ही इसका विरोध कर रही थी एवं तुरंत इसको वापस लेने की मांग कर रही थी
अभाविप JNU इकाई मंत्री विकास पटेल ने कहा, “ अभाविप इस तुगलकी फरमान का पूर्णतः विरोध कर रही थी एवं JNU प्रसाशन से इससे वापस लेने की मांग की थी। इस नियमावली में पहले बिंदु से ही छात्रों के धरना एवं प्रदर्शन को आपराधिक कृत्य का दर्जा दिया गया और २० से ३० हजार रुपये तक का जुर्माना एवं विश्व विद्यालय से निष्काशन तक की सजा का निर्धारण किया था।
उचित एवं सकारात्मक कारणों के साथ प्रदर्शन एवं धरना छात्रों का संवैधानिक अधिकार है। ऐसे किसी भी नियम को लाने से पहले सभी हितधारकों से, विशेषतया छात्रों से व्यापक चर्चा करना अनिवार्य है। अभाविप JNU इस तुगलकी अनुशासनात्मक नियमावली को वापस लिए जाने के निर्णय का स्वागत करती है, एवं भविष्य में ऐसे नियमों के लाने व् कियान्वयन से पूर्व सभी हितधारकों से चर्चा अवश्य की जाये ऐसी मांग करती है।
अभाविप JNU के छात्र समुदाय का भी इस छात्र विरोधी तुगलकी नियमावली को वापस लेने में सामूहिक सहयोग करने हेतु सादर आभार व्यक्त करती है।
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