अमदाबाद। सुरेन्द्रनगर के चोटिला मंदिर को बम से उड़ने के षड्यंत्र में आईएस आतंकी रोमाडिया बंधु को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई गई है। गुजरात में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को सजा देने का यह पहला मामला है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई है।
करीब छह वर्ष पूर्व राजकोट के नेहरूनगर में रहने वाले वसीम और नईम को भावनगर से पकड़ा गया था। आईएस का प्रशिक्षण लेने दोनों भाई सीरिया जाने की तैयारी कर रहे थे। इससे पूर्व ही दोनों को गुजरात एंटी टेरर स्क्वॉड (एटीएस) ने साक्ष्य के साथ गिरफ्तार किया था।
जांच में पता चला कि दोनों ने चोटिला स्थित माता चामुंडा के मंदिर को बम से उड़ाने के लिए लोन वुल्फ अटैक नामक खतरनाक षड्यंत्र रचा था। आईएसआईएस के सम्पर्क में रहे दोनों भाई वसीम आरिफ रामोडिया और नईम आरिफ रामोडिया राजकोट के रहने वाले हैं।
स्पेशल एनआईए कोर्ट की न्यायाधीश सुभद्रा बख्शी ने दोनों आतंकी भाइयों को 10-10 साल की सजा सुनाई। आरोपितों के पास से बम बनाने की सामग्री, डमी सिम कार्ड, गन पाउडर, सुतली बम, जेहादी साहित्य, मुफ्ती अब्दुश समी कासमी के भाषणों की 127 पीडीएफ फाइल, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, चेहरा मास्क आदि बरामद किया गया था। स्पेशल एनआईए कोर्ट में दोनों के आईएसआई के सम्पर्क में होने के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य पेश किए गए जिसे कोर्ट ने मान्य रखा।
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