राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आगामी 12 से 14 मार्च तक हरियाणा के समालखा (जिला पानीपत) में आयोजित होगी। इस बैठक मे कार्यकर्ता निर्माण, प्रशिक्षण और कार्य विस्तार तथा संघ के स्थापना दिवस के सौंवे वर्ष (2025) के लिए कार्य योजना पर चर्चा होने वाली है।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने बुधवार को ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि, अ. भा. प्रतिनिधि सभा बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह-सरकार्यवाह, अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्र व प्रांत कार्यकारिणी, संघ के निर्वाचित अ.भा. प्रतिनिधि, सभी विभाग प्रचारक तथा विविध संगठनों के निमंत्रित कार्यकर्ता भाग लेंगे। देशभर से लगभग 1400 कार्यकर्ता बैठक में सम्मिलित होंगे।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का महत्व
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा संघ की सर्वोच्च नीति-निर्धारक इकाई है। इसकी बैठक हर साल होली के आसपास होती है। इसमें देशभर के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। प्रतिनिधि सभा कि बैठक में पारित प्रस्तावों का राष्ट्रीय स्तर पर बहुत महत्व होता है। प्रतिनिधि सभा के सत्रों में चर्चा के लिए रखे जाने वाले प्रस्तावों पर खुली प्रक्रिया के साथ विचार विमर्श होता है। पहले इन प्रस्तावों के विषयों पर अखिल भारतीय कार्यकारणी में चर्चा होती है। फिर अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल में चर्चा होती है। इसके बाद इन प्रस्तावों को प्रतिनिधि सभा में प्रस्तुत कर इन पर बहुत विस्तार से चर्चा होती है। यही कारण है कि प्रस्तावों पर मतदान की स्थिति नहीं आती है।
अगले वर्ष नागपुर में होगी बैठक
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक देश के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर आयोजित होती है। यह हर चौथे वर्ष यह बैठक नागपुर में होती है। नागपुर में होने वाली बैठक में सरकार्यवाह का चुनाव भी किया जाता है। इस कड़ी में 2021 की बैठक बेंगलुरू, 2022 की बैठक कर्णावती, 2023 में सोनीपत (हरियाणा) में आयोजित होने के बाद 2024 की बैठक नागपुर में आयोजित होगी। संघ की स्थापना को 2025 में सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसलिए शताब्दी वर्ष के आयोजन और सरकार्यवाह चुनाव के मद्देनजर 2024 की अ.भा. प्रतिनिधि सभा बेहद अहम होगी।
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