प्रयागराज में हुए राजू पाल हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर की हत्या में माफिया अतीक अहमद व अन्य अपराधियों के अलावा बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ पर भी केस दर्ज हुआ है। सलाखों के पीछे कैद होकर भी कुख्यात अशरफ गुर्गों के जरिए आपराधिक गतिविधियां कराता रहा है। जेल से रंगदारी मांगने में भी उस पर केस दर्ज हो चुका है। उसे यहां की जेल में हाईसिक्योरिटी के बीच तन्हाई बैरक में रखा जा रहा है। तीन महीने के अंदर उससे उसका किससे संपर्क रहा, एसटीएफ ने इसका रिकार्ड जुटाकर छानबीन तेज कर दी है।
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अपराधी भाई अअशरफ के साथ माफिया अतीक अहमद भी बरेली जेल में बंद रह चुका है। 2019 में अतीक अहमद को बरेली से गुजरात की साबरमती जेल में शिफ्ट कर दिया था। बरेली जेल में बंद रहते हुए जेल में होली के कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। कुछ महीना पहले अतीक के भाई अशरफ ने जेल के अंदर से ही प्रयागराज में धूमनगंज के रहने वाले सूरजपाल से रंगदारी मांगी थी। इसे लेकर उसके खिलाफ प्रयागराज में मुकदमा दर्ज हुआ था। माफिया अतीक के गुर्गे अशरफ से मिलने बरेली आते रहे हैं। अतीक अहमद के फोटो लगी गाड़ियों के पूर्व में फोटो भी वायरल हो चुके हैं।
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बरेली जेल प्रशासन ने अशरफ को शुरू से हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद रखा है मगर प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके गनर की हत्या के बाद उसकी निगरानी और बढ़ा दी गई है। अब उसके हाईसिक्योरिटी तन्हा बैरक में भेज दिया गया है, ताकि माफिया गैंग का कोई आदमी किसी भी तरह की कोई सूचना उस तक नहीं पहुंचा सके। प्रयागराज की घटना के बाद एसटीएफ लगातार जिला जेल में पहुंचकर अशरफ की हर गतिविधि का पता लगाने में जुटी है। पिछले तीन महीने में उससे मिलने वाले लोगों की सूची जेल प्रशासन से एसटीएफ ने जुटाकर सबके रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि जांच एजेंसियों को अतीक के भाई अशरफ के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है और जेल में उसकी हर गतिविधि की दिन-रात निगरानी कराई जा रही है।
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