एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रामगढ़ उपचुनाव के लिए प्रचार में लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ पूरे प्रदेश में अपराध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में नक्सली हमले बढ़ चुके हैं, व्यवसायियों पर खुलेआम गोलियां चल रही हैं, दुकानें लूटी जा रही हैं और सरकार से लेकर प्रशासन तक मूकदर्शक बना हुआ है।
इसी क्रम में प्रदेश की राजधानी रांची में 6 साल की बच्ची के साथ मोहम्मद अजीमुद्दीन के द्वारा दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना 21 फरवरी की है। रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में एक अपार्टमेंट है। वहीं मोहम्मद अजीमुद्दीन गार्ड का काम करता था। बताया जा रहा है कि 6 साल की वह बच्ची उसी अपार्टमेंट के परिसर में रोज खेलने आती थी। आरोप है कि बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अजीमुद्दीन उसे अपने कमरे में ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची ने जब विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी भी दे डाली। पूरी घटना का खुलासा तब हुआ जब बच्ची अजीमुद्दीन के चंगुल से भागी और घर जाकर अपने परिजनों को सारी बातें बताईं।
इस घटना की जानकारी होने के बाद घरवालों ने सबसे पहले तो अजीमुद्दीन को जमकर पीटा। उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि आरोपी ने पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने अजीमुद्दीन पर पॉक्सो एक्ट के साथ-साथ अन्य कई धाराओं में मामला भी दर्ज कर लिया है।
इस घटना को लेकर झारखंड भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार तुष्टीकरण में पूरी तरह से लिप्त है। इसी का नतीजा है कि झारखंड में खुलेआम छोटी-छोटी बच्चियों को जिहादी अपना निशाना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब पूरे प्रदेश में अपराधियों के अंदर प्रशासन का भय समाप्त हो चुका है। इसीलिए आए दिन प्रदेश में अपराध की घटनाएं सुनने को मिलती रहती हैं।
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बाबूलाल मरांडी की बात कहीं ना कहीं सच ही है। जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है तभी से पूरे प्रदेश में खास कर महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार हों या फिर लव जिहाद, ऐसी घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
जमशेदपुर के कदमा में 23 जनवरी को भी लव जिहाद से जुड़ा एक मामला प्रकाश में आया है। एक मुस्लिम युवक शब्बीर ने अपना नाम समीर बताकर एक नाबालिग लड़की के साथ दोस्ती की। दो महीने के बाद उसने अपना असली नाम बताकर उसे ‘ब्लैकमेल’ करने लगा। जब लड़की को पता चला कि वह मुसलमान है तो उसने उससे बात करने से मना कर दिया। इसके बाद शब्बीर ने उसे जान से मारने की धमकी दी और साथ ही मुसलमान बनने का दबाव भी देने लगा। इस घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों और हिंदू संगठनों ने कदमा थाने में जाकर जमकर हंगामा किया।
इन मामलों से यही पता चल रहा है कि भले ही मुख्यमंत्री कानून—व्यवस्था ठीक होने का दंभ भरते रहें, लेकिन झारखंड की बच्चियां अभी भी अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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