नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई से विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह एक नौकरशाह परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पिता डॉ के सुब्रमण्यम सरकारी अधिकारी थे और वह 1979 में जनता सरकार में सचिव बने थे, लेकिन उन्हें सचिव पद से हटा दिया गया था। 1980 में वे रक्षा उत्पादन सचिव थे। जब इंदिरा गांधी दोबारा चुनी गईं थीं तब उन्होंने उनको पद से हटा दिया था। वे काफी ज्ञानी थे, शायद यही दिक्कत थी।
एएनआई की एडिटर इन चीफ स्मिता प्रकाश को दिये साक्षात्कार में एस जयशंकर ने कहा, “मैं सबसे अच्छा विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था। मेरे पिता, जो एक नौकरशाह थे, सचिव बन गए थे, लेकिन उन्हें उनके सचिव पद से हटा दिया गया था। वह उस समय, 1979 में जनता सरकार में शायद सबसे कम उम्र के सचिव बने, “जयशंकर ने कहा .1980 में वे रक्षा उत्पादन सचिव थे। 1980 में जब इंदिरा गांधी दोबारा चुनी गईं, तो वे पहले सचिव (पिता) थे जिन्हें उन्होंने हटाया था।” जयशंकर ने कहा कि उनके पिता भी बहुत ईमानदार व्यक्ति थे, “हो सकता है कि समस्या इसी वजह से हुई हो, मुझे नहीं पता”। डॉ के सुब्रमण्यम भारत के प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिकारों में शामिल थे।
डॉ एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे कैबिनेट में शामिल होने के लिए कहा था। 2011 में मैंने उनसे बीजिंग में मुलाकात की थी, उससे पहले मैं उनसे कभी नहीं मिला था। जब वे CM (गुजरात) थे और वे उस समय वहां (चीन) दौरे पर गए थे। सच कहूं तो उन्होंने मुझ पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला था। मैंने इस पार्टी (भाजपा) को इसलिए चुना क्योंकि ये पार्टी देश की भावनाओं को अच्छे से समझती है। आप जब कैबिनेट का हिस्सा होते हैं तो आपको बहुत कुछ जानने को मिलता है।
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