झारखंड के गढ़वा में एक मदरसे में तालीम लेने गए एक बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मदरसे के मुफ्ती समीरुद्दीन अंसारी ने उनके नाबालिग बच्चे के साथ यौन शोषण किया है।
बता दें कि गढ़वा के नगर उंटारी थाना के अंतर्गत कोइंदि गांव में दारुल उलूम समसिया मदरसे में तकरीबन 40 से 50 बच्चे तालीम लेने जाया करते हैं। इसी क्रम में 19 फरवरी की रात तालीम देने के बहाने सभी बच्चों को मुफ्ती समीरुद्दीन ने अपने कमरे में बुलाया। थोड़ी देर बाद उसने भवनाथपुर थाना क्षेत्र के एक बच्चे को छोड़कर सभी बच्चों को बाहर भेज दिया। इसके बाद मुफ्ती ने उस बच्चे को अपने शरीर की मालिश करने को कहा। मालिश कराते—कराते मुफ्ती ने बच्चे के साथ अनैतिक कार्य करना शुरू कर दिया। हालांकि उस बच्चे ने काफी विरोध किया। किसी तरह से वह उसके कमरे से निकला और अपने परिजनों को सारा मामला बताया। इस घटना से आक्रोशित बच्चे के परिजनों ने अगले दिन यानी 20 फरवरी को मदरसा पहुंचकर वहां के मौलाना और मुफ्ती से बातचीत की। पहले तो मदरसा के प्रबंधकों ने परिजनों से इस मामले को रफा-दफा करने को कहा। जब परिजन नही माने तो मुफ्ती ने गांव से अपने कुछ समर्थकों को बुलाकर बच्चों के परिजनों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।
इस घटना के बाद पीड़ित बच्चे के परिजनों ने मामले की शिकायत नगर उंटारी थाने में की। थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने बच्चों से पूछताछ की तो पता चला कि वह मुफ्ती पहले भी ऐसा कुकर्म कर चुका है। अब प्राथमिकी दर्ज कर मुफ्ती की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। थाना प्रभारी का कहना है कि जल्दी ही मुफ़्ती समीरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पता चला है कि मुफ्ती समीरुद्दीन पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।
भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के मदरसों को अति शीघ्र बंद कर देना चाहिए। छोटे-छोटे बच्चों के साथ अनैतिक हरकत करने वाले मौलवी और मौलानाओं को फांसी दे देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार तुष्टीकरण के मद में इतनी चूर है कि उसे पता ही नहीं चल रहा है कि राज्य के कई मदरसों में क्या चल रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि झारखंड के सभी मदरसों की जांच की जाए और जहां कहीं भी कुछ गड़बड़ी पाई जाती है उन पर कार्रवाई की जाए।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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