हाल ही में जम्मू में पुलिस ने मानव तस्करी से जुड़े जिस मामले का पर्दाफाश किया है, उसमें हर दिन चौंकाने वाली जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। खबरों के अनुसार दलाल रोहिंग्या लड़कियों को कश्मीर में 2-2 लाख रुपए में बेचने का सौदा कर चुके थे। पुलिस पूछताछ में इन रोहिंग्याओं ने उगला है कि वह हर लड़की को दो लाख में बेचने का सौदा तय हुआ था। और यह डील श्रीनगर के कुछ लोगों से की गई थी।
म्यांमार से लाए लड़कियां
दलाल 11 फरवरी को भारत से म्यांमार गए थे, जहां रोहिंग्या शिविर में उन्होंने पहले ऐसे परिवारों की पहचान की, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वहां से गरीब परिवार की लड़कियों को यह झांसा देकर लेकर आए कि जहां उन्हें ले जा रहे हैं, वहां उन्हें हर तरह की सुविधा दिलाएंगे। ऐसे परिवारों को 20-20 हजार रुपए देकर उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनकी बेटियों का वह निकाह करवा देंगे। हालांकि इससे पहले जम्मू पुलिस ने इनसे 5 नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू किया और चार रोहिंग्याओं को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया गया है। इन आरोपियों में दो महिलाएं दो पुरुष शामिल हैं।
बड़गाम में रोहिंग्याओं ने बनाया ठिकाना
खबरों की मानें तो रोहिंग्याओं ने बड़गाम में ठिकाना बना रखा है। खुद आरोपितों ने बताया कि वे इन दिनों बड़गाम जिले में रह रहे थे। वहां कुछ रोहिंग्याओं बस्ती बनाई हुई है। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वह कौन लोग हैं, जिन्होंने रोहिंग्याओं को शरण दी, आखिर स्थानीय लोगों ने इनके बसने पर प्रशासन को कोई सूचना क्यों नहीं दी
इन रास्तों से होकर पहुंचे जम्मू
म्यांमार सीमा पार करने के बाद रोहिंग्या रेल मार्ग से दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद कई जगह होते हुए ये रेल मार्ग से जम्मू आए। यहीं से सड़क मार्ग के जरिए कश्मीर जाने की फिराक में थे। लेकिन इसी बीच खुफिया सूचना के आधर पर पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। आरोपितों के पास संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी किए गए पहचान पत्र हैं। चार रोहिंग्या आरोपियों की पहचान आस्मा अख्तर, रोहिना अख्तर, मोहम्मद रफीक, मोहम्मद आरिफ के रूप में हुई हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब इस बात की जांच कर रही है कि उनके साथ कितने और कौन-कौन शामिल हैं। जम्मू—कश्मीर इस मामले की संजीदगी से छानबीन में जुट गई है।
आरोपी महिला की शादी कश्मीर में
मानव तस्करी की आरोपी महिला का निकाह कश्मीर में हुआ है। चार साल पहले उसके शौहर की मौत हो गई थी। इसके बाद वह अन्य मानव तस्करी के आरोपियों के संपर्क में आई थी। पुलिस द्वारा पकड़ी गई दो महिला और दो पुरुषों के बीच किसी तरह का कोई रिश्ता नहीं है। जांच में निकलकर सामने आया है कि सब मिलकर म्यांमार से लड़कियों को बेचने के लिए लाते थे। अब पुलिस ने जब्त मोबाइल नंबरों को खंगालना शुरू कर दिया है। कितने लोगों को फोन किया गया है और जिनको फोन किया, इस समय कहां पर हैं। हालांकि अभी तक मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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