पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में एडिनो वायरस का कहर बरकरार है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पिछले दो महीने में 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह चिंताजनक आंकड़ा है।
पता चला है कि रविवार तक सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की वजह से इन बच्चों की मौत हुई है। स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत इतनी बदहाल है कि कोलकाता से लेकर राज्य भर के प्रत्येक अस्पताल में शिशु रोग विभाग के जनरल बेड सहित पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) का एक भी बेड खाली नहीं है। वेंटिलेटर भी खाली नहीं है। रविवार को ही बीसी रॉय शिशु अस्पताल में भांगड़ के रहने वाले छह महीने के बच्चे मेहंदी हसन की मौत हुई है। उसके मृत्यु प्रमाणपत्र पर मौत की वजह के तौर पर एक्यूट रेस्पिरेट्री फैलियर का जिक्र किया गया है।
इंस्टिट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ के पीकू विभाग के प्रधान चिकित्सक प्रभास प्रसून गिरी ने बताया कि एडिनो वायरस फिलहाल महामारी का रूप ले चुका है। जिन बच्चों की उम्र दो साल से कम है उनमें संक्रमण का डर ज्यादा है। एक साल से कम उम्र के बच्चों में और चिंता है।
उल्लेखनीय है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग वायरस के संक्रमण को लेकर पहले से सतर्क है। सभी अस्पतालों को विशेष निर्देश भेजे गए हैं जिसमें कि रात 12:00 बजे से लेकर दूसरे दिन रात 12:00 बजे तक ऐसे संक्रमण से पीड़ित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी पूरी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि अचानक हालात चिंताजनक हो गए हैं।
हालात पर नजर रखी जा रही है। जिला अस्पतालों को स्पष्ट कर दिया गया है कि हालात अगर सामान्य हो तो तुरंत रेफर न करें। उल्लेखनीय है कि राज्य भर में हजारों बच्चों के एडिनो वायरस संक्रमित होने के दावे किए जा रहे हैं।
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