नई दिल्ली। शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए रविवार को दिल्ली स्थित मुख्यालय में बुलाया है। वहीं मनीष सिसोदिया ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया और जांच में सहयोग करने की बात कही।
शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय कड़ी और लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसमें कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। पिछले सप्ताह आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी विजय नायर समेत अन्य आरोपियों की करीब 74 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी। अब इस मामले में सीबीआई भी कार्रवाई कर रही है। मनीष सिसोदिया को रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
सिसोदिया ने ट्वीट किया कि दिल्ली की शराब आबकारी नीति पर एक बार फिर पूछताछ के लिए सीबीआई ने बुलाया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र ने उनके खिलाफ ताकत लगा दी है। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाला नाम की कोई चीज़ नहीं है। हमने देश की सबसे पारदर्शी शराब नीति बनाई। पंजाब में भी यही नीति लागू की तो 48% राजस्व बढ़ गया। दिल्ली में ये सब राजनीतिक फायदे के लिए रचा गया है।
भाजपा ने उठाए कई सवाल
वहीं दिल्ली भाजपा की ओर से भी इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। भाजपा की ओर से कहा गया कि दिल्ली की जनता के सामने केजरीवाल सरकार द्वारा शराब घोटाले में किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुल चुकी है। केजरीवाल ने दावा किया था की नई शराब नीति से दिल्ली सरकार की आय बढ़ेगी पर इसके विपरीत दिल्ली सरकार की आय घट गई। केजरीवाल बताएं अगर शराब घोटाला हुआ ही नहीं तो दिल्ली में शराब नीति बदलने की क्या जरूरत थी? बड़ी बेशर्मी से केजरीवाल ने आज फिर झूठ बोला कि शराब घोटाला हुआ ही नहीं। इतनी पारदर्शी नीति थी तो खुलासा होते ही इसे दिल्ली से पार क्यूं कर दिया? क्यों इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट ने जमानत देते तक से मना कर दिया है? जीत सच्चाई की ही होगी, और मनीष सिसोदिया संग आप भी शायद हवालात जाएं। शराब के “ठेके-दार” केजरीवाल जी, अगर आपकी नई शराब नीति बहुत अच्छी और पारदर्शी थी तो आपने उसे वापस क्यों लिया?
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