कानून से खिलवाड़ सपा महासचिव आजम खां और उनके परिवार को बहुत भारी पड़ा है। मुरादाबाद बवाल केस में सजा होने के बाद बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द हुई, तो रामपुर प्रशासन ने वोटर लिस्ट से उनका नाम भी हटा दिया है। पिता आजम खां की तरह अब अब्दुल्ला आजम किसी चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे।
रामपुर विधानसभा सीट के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निरंकार सिंह ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम -1950 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अब्दुल्ला आजम का वोटर लिस्ट से हटाए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। स्वार से सपा विधायक रहे अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद के छजलैट इलाके में सड़क जाम करने बवाल करने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। आजम खां भी इसी केस में दोषी पाए गए थे। कोर्ट का फैसला आने के बाद 15 फरवरी को स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।
रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने कोर्ट से सजा पा चुके अब्दुल्ला आजम का मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग की थी। एसडीएम सदर निरंकार सिंह ने प्रेस को बताया कि अब्दुल्ला आजम का नाम भी मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्मादी भाषण केस में सजा पा चुके सपा महासचिव आजम खां पर भी पूर्व में ऐसी कार्रवाई हुई थी। उनका नाम भी मतदाता सूची से हटा दिया गया था। अब अब्दुल्ला आजम का भी वोट देने का अधिकार खत्म हो गया है।
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