केदारनाथ धाम के द्वार ग्रीष्मकाल के लिए 25 अप्रैल को खोले जाएंगे। आज शिवरात्रि के अवसर पर इसकी घोषणा की गई है। बद्री-केदार नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि शिवरात्रि के दिन घोषित किए जाने की परंपरा है। मंदिर रावल, पुजारियों, पाठियों और प्रबंध समिति की मौजूदगी में आज इस आशय की घोषणा की गई है कि 25 अप्रैल को प्रातः 6 बजकर 20 मिनट से बाबा केदारनाथ के दर्शन किए जा सकेंगे।
20 अप्रैल को भैरवनाथ की पूजा होगी और 21 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ प्रस्थान करेगी। इस दिन पंचमुखी डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी विश्राम करेगी। 22 अप्रैल को रात्रि विश्राम हेतु डोली फाटा पहुंचेगी। 23 अप्रैल को पंचमुखी डोली फाटा से रात्रि विश्राम हेतु गौरीकुंड पहुंचेगी। 24 अप्रैल को पंचमुखी डोली गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंचेगी। उसके बाद 25 अप्रैल मंगलवार को प्रात: 6 बजकर 20 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे।
शिवरात्रि के अवसर पर पंचकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में आयोजित धार्मिक समारोह में पंचाग गणना पश्चात विधि-विधान से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, पंचगाई हक-हकूकधारियों सहित केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज तथा श्रद्धालुगणों, स्थानीय प्रशासन की उपस्थिति में आचार्य वेदपाठियों द्वारा श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 27 अप्रैल बृहस्पतिवार को खुल रहे हैं। जबकि परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया को श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है। चैत माह में श्री गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समितियों द्वारा कपाट खुलने की तिथियों की विधिवत घोषणा की जाएगी।
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