नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका से 12 चीते महाशिवरात्रि वाले दिन यानी 18 फरवरी को भारत आएंगे। इन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। चीतों को लाने के लिए वायु सेना का विशेष विमान सी-17 ग्लोबमास्टर गुरुवार सुबह रवाना हुआ। यह विमान 17 फरवरी की रात 8 बजे दक्षिण अफ्रीका से उड़ान भरकर 18 फरवरी को सुबह 10 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पर उतरेगा। चीतों के साथ उसी विमान से वेटरनरी डॉक्टर और विशेषज्ञ डॉक्टर लारेल भी आएंगी।
कूनो नेशनल पार्क में पिछले साल सितंबर में नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए थे, जिसमें तीन नर और पांच मादा थे। इन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर पार्क के बाड़े में छोड़ा था। भारत में मध्य प्रदेश का पर्यावरण चीतों के लिए सबसे उपयुक्त है, इसीलिए कूनो नेशनल पार्क में चीतों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाने के लिए 14 फरवरी को चीता टास्क फोर्स की ऑनलाइन बैठक भी हुई थी।
रक्षा मंत्रालय और वायु सेना ने साउथ अफ्रीका से चीतों को लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी तरह की फीस नहीं ली है। आज सुबह 12 चीतों को लाने के लिए भारतीय वायुसेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर उड़ान भर चुका है। 18 फरवरी को सुबह 10 बजे चीतों को लेकर यह विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। यहां से एमआई 17 हेलीकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा।
विमान की लैंडिंग के वक्त मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ग्वालियर एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे। इस बार साउथ अफ्रीका से 7 नर और पांच मादा चीते लाए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत 1 महीने तक इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में क्वारंटाइन में रहना होगा। भारत और दक्षिण अफ्रीका में हुए समझौते के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका से हर साल 10 से 12 चीते अगले 10 सालों तक देश में लाए जाएंगे, ताकि कूनो नेशनल पार्क में इनकी पर्याप्त संख्या हो सके।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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