एक लाख करोड़ रु. की लागत से विश्वस्तरीय बन रहे दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के जरिए 1382 किमी की दूरी केवल 12 घंटे में तय हो सकेगी।
आगले वर्ष आप एक बार सड़क से दिल्ली से मुम्बई तक की यात्रा जरूर करना चाहेंगे। एक लाख करोड़ रु. की लागत से विश्वस्तरीय बन रहे दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के जरिए 1382 किमी की दूरी केवल 12 घंटे में तय हो सकेगी। आठ लेन की सड़क का यह सफर ना तो थकाऊ होगा और ना ही ऊबाऊ। कारण, दिल्ली से आगे चलते ही हरे-भरे खेत, धूप-छांव की आंख मिचौली खेलते पेड़ों के बीच से गुजरते हुए ऐसे चार टाइगर रिजर्व से गुजरेंगे, जहां जाने के लिए हम कई बार योजना बनाकर भी नहीं जा पाते। रास्ते में पर्यटन का आनंद और अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद लेते हुए यह सफर कब पूरा हो गया, पता ही नहीं चलेगा।
इस एक्सप्रेस-वे की संकल्पना कुछ तरह थी कि पिछड़े क्षेत्रों जो मुख्य मार्ग से दूर हैं, उन्हें जोड़ा जाए। सड़क को इस तरह बनाया जाए, जिसमें आधुनिक तकनीक का समावेश हो। सो कम लागत में एसा उम्दा मार्ग बनाया जा रहा है समय और ईधन दोनों की बचत करेगा।
इस एक्सप्रेस-वे के एक हिस्से को ई-हाईवे (इलेक्ट्रिक हाईवे) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां ट्रक और बसें 120 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी जिससे लॉजिस्टिक लागत में 70% की कमी आएगी। भारी वाहन डीजल के बजाय बिजली से चलेंगे। इस परियोजना का निर्माण शुरू हो गया है और उम्मीद है कि यह मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा।
इस पूरे एक्सप्रेस-वे को पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। पूरा रास्ते पर 20 लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं और प्रत्येक 500 मीटर पर वर्षा जल संचयन प्रणाली के साथ पूरे खंड में ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की गई है। एक्सप्रेसवे को प्रकाशित रखने के लिए राज्य ग्रिड के साथ-साथ सौर ऊर्जा से तैयार बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे में हर साल 32 करोड़ लीटर से अधिक डीजल-पेट्रोल की बचत होगी जिससे करीब 85 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।
यह ऐसा एक्सप्रेस-वे है जो केवल पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मप्र, गुजरात और महाराष्ट्र को ही नहीं जोड़ेगा, बल्कि यह हमें उप्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तक जाने का सुलभ साधन बनेगा। इसके लिए कई स्थानों पर इंटरचेंज दिया जा रहा है। उप्र में बन रहे नए जेवर एयरपोर्ट को इस एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट किया जा रहा है तो चंबल एक्सप्रेस-वे के जरिए कोटा से इटावा को कनेक्ट किया जाएगा। आगरा-जयपुर के बीच सम्पर्क मार्ग बनाया जा रहा है। इंदौर से उज्जैन होकर कोटा तक नया कारिडोर बन रहा है। राजस्थान में दौसा से बाड़मेर तक नया मार्ग बनाकर अमृतसर-जामनगर कारिडोर से जोड़ा जा रहा है, जो पंजाब तक जाने का सीधा मार्ग बनेगा। यही कारिडोर हमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा, जो वैष्णो देवी की यात्रा को सुगम बनाएगा।
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