जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शुक्रवार को बजट 2023-24 पेश करने के दौरान जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष के बजट लीक के आरोपों के बाद हुए हंगामे को देखते हुए कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। बाद में अशोक गहलोत ने माफी भी मांगी।
भाजपा के विधायक सदन में मुख्यमंत्री पर पुराना बजट भाषण पढ़ने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा करते रहे। सुबह 11 बजे सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद करीब 6 मिनट तक मुख्यमंत्री बजट पढ़ते रहे, तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आकर उनसे कुछ कहा और वो ठिठक गए। गहलोत का भाषण रुका तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य जोरदार हंगामा करते हुए वेल में आ गए। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है। हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई आधा घंटा के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव उषा शर्मा को तलब किया और अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की।
सदन की कार्रवाई 11 बजकर 42 मिनट पर दूसरी बार आरंभ हुई तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर बताया कि गलत पढ़ रहे हैं। बजट लीक हुआ है, बजट गोपनीय होता है और इसकी कॉपी मुख्यमंत्री के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई। सीएम को तीसरे आदमी ने आकर बताया, यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पड़ा। सदन का मान रखना चाहते हैं तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए। आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। कटारिया ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि ‘बजट भाषण की इस कॉपी में फर्क हो तो बताइए। एक एक्स्ट्रा पेज लग गया गलती से। मैं एक पेज गलत पढ़ने लग गया।
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि पुराना बजट पढ़ने पर मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने इस मामले में माफी मांगी तथा कहा कि सदन की आज हुई कार्रवाई डिलीट नहीं की जाएगी।
राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। पहली बार करीब आधा घंटा के लिए, फिर 15 मिनट के लिए। दोबारा सदन शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने जो भाषण दिया है, वह ठीक नहीं होगा। आज की घटना से आहत हुए हैं। मानवीय भूल होती रहती है। इस अनहोनी घटना के लिए जो सारी कार्यवाही हुई है, उसे निरस्त करता हूं। 11 बजे से 11:42 तक की पूरी घटना को विधानसभा की कार्यवाही से निकाल दिया गया है। स्पीकर की ओर से बजट दोबारा पेश करने की अनुमति मिलने के बाद गहलोत ने बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि कॉपी वही आपको मिली है, जो बजट में पढ़ने वाला था। एक एकस्ट्रा पेज था। ये बजट को प्रेस में मैंने नहीं छपाया। मुझे बताइए अगर मैं एक पेज गलत पढ़ने लग गया, वो ही लोग जिन्होंने बजट बनवाया, उनमें से कोई मुझे कनवे करें कि पेज गलत आ गया। इसे कहां लीक होने की बात आती है। बजट की गरिमा होती है, बजट के आधार पर गवर्नेंस चलती है। इसमें पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं होता। इस बीच विपक्ष हंगामा करता रहा।
पूर्व सीएम राजे ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री बिना चेक किए 8 मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे, आप समझ सकते हैं कि उनके हाथ में प्रदेश कितना सुरक्षित है? ये इतिहास में पहली बार हुआ है।’
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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