समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक बयान दिया था। जिसका लगातार विरोध हो रहा है। इस मामले में अब अयोध्या के श्रीराम मंदिर के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का बयान आ गया है। मध्य प्रदेश के सागर पहुंचे नृत्य गोपाल दास ने कहा कि दुनिया में किसी भी व्यक्ति में ताकत नहीं है कि वह रामचरितमानस पर टिप्पणी करे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण रहा है, जल्द ही मंदिर बनकर तैयार होगा। जिसका उद्घाटन किसी संत के द्वारा होना चाहिए।
‘भ्रष्ट हो गई है बुद्धि’
बता दें कि इससे पहले इस मामले में पद्म विभूषण से सम्मानित श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य सठिया गए हैं, उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। रामभद्राचार्य ने इसे विनाशकाले विपरीत बुद्धि बताया था।
‘रामचरितमानस को अपमानित करने वाले भारत में रहने के अधिकारी नहीं’
वहीं, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि रामचरितमानस को अपमानित करने वाले भारत में रहने के अधिकारी नहीं हैं, इन्हें जवाब देना चाहिए, ताकि लौटकर के टेढ़ी निगाह से नहीं देखें। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि हमारे भारत के संविधान के प्रथम पृष्ठ पर भगवान श्री सीताराम का अंकन है। जिस संविधान का प्रथम पृष्ठ ही भगवान राम से प्रारंभ होता हो, भगवान राम के आदर्शों से प्रारंभ होता हो। उन भगवान राम की जीवन गाथा श्री रामचरितमानस, जो हमारे भारत का एक अनूठा ग्रंथ है उसके प्रति इस प्रकार का कोई कृत्य किया जाता है यह घोर निदंनीय है।
लखनऊ : रामचरितमानस की प्रतियां जलाने पर सलीम समेत दो आरोपियों पर लगा रासुका
क्या था स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान
बता दें दि यूपी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर अनाप-शनाप बयान दिया था। उन्होंने कहा कि था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद ने यह भी कहा था कि सरकार को इस पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है। तुलसीदास की रामायण में चौपाई है। जिसमे वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी, लंपट, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय कहा गया है, मगर शुद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या फिर ज्ञानी हो उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है? अगर धर्म यही है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं। जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुछ आरोपियों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से आरोपी सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980) लगाया गया है।
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